सत्येंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को शुक्रवार को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है.

उन्हें यह राहत तब मिली है जब एक दिन पहले वह चक्कर आने से तिहाड़ जेल के शौचालय में गिर पड़े थे और उन्हें एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था. तस्वीरों में दिखा था कि उन्हें ऑक्सीजन दी जा रही है. जेल में रहने के दौरान जैन का वजन 30 किलो कम होने का दावा किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को जैन को गिरफ्तार किया था और तब से वह तिहाड़ जेल में बंद थे.

न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने शुक्रवार को जैन (58) को अपनी पसंद के अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी और उनसे 10 जुलाई तक चिकित्सा रिकॉर्ड पेश करने को कहा. पीठ ने कहा, ह्लपक्षकारों के विद्वत अधिवक्ताओं को सुनने के बाद वर्तमान में जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की रिपोर्ट पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है. हमें यह उचित लगता है कि नागरिक को निजी अस्पताल में अपने खर्चे पर अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है.ह्व न्यायालय ने कहा, ह्लइसलिए, हम याचिकाकर्ता को छह सप्ताह की सीमित अवधि के लिए चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझते हैं.ह्व शीर्ष अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाईं हैं-जैसे जैन गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे या उनसे नहीं मिलेंगे और निचली अदालत की अनुमति के बिना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) नहीं छोड़ेंगे.

न्यायालय ने कहा कि जब तक वह अंतरिम जमानत पर हैं, तो इलाज से जुड़े सभी कागजात और रोग के लक्षण व निदान से संबंधित दस्तावेज शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किए जाएंगे. पीठ ने जैन को सोशल मीडिया सहित मीडिया से दूर रहने का भी निर्देश दिया. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ह्लयाचिकाकर्ता (सत्येंद्र जैन) अंतरिम जमानत के दौरान किसी भी मुद्दे पर कोई बयान देने के लिए प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी भी सोशल मीडिया मंच के सामने पेश नहीं होगा.ह्व अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई 10 जुलाई को तय की है.

जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पूर्व मंत्री का वजन 35 किलोग्राम कम हो गया है और वह रीढ. की हड्डी से जुड़ी समस्या से परेशान हैं. उन्होंने जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, नई दिल्ली द्वारा चार मई, 2023 को जारी जैन की मेडिकल रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखा.

सिंघवी ने कहा कि अस्पताल तिहाड़ जेल के लिए अनिवार्य रेफरल अस्पताल है और इसकी रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने जैन की अखिल भारतीय आयुर्वज्ञिान संस्थान (एम्स) या राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में डॉक्टरों के एक पैनल से चिकित्सा जांच कराए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर मेडिकल रिपोर्ट में इलाज की जरूरत बताई जाती है तो जांच एजेंसी इसका विरोध नहीं करेगी.

उन्होंने कहा कि जैन ने इस मामले में पहले भी चिकित्सा आधार पर जमानत के लिए याचिकाएं दाखिल की थीं लेकिन वे वापस ले ली गयी थीं क्योंकि एजेंसी ने एम्स या आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा बोर्ड से उनकी जांच कराने का अनुरोध किया था.
राजू ने कहा, ”वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और कारागार मंत्री थे. उनकी ऐसे अस्पताल में जांच कराए जाने की आवश्यकता है जो उनके मातहत नहीं आता था.” राजू ने दावा किया कि पहले अस्पतालों द्वारा तैयार की गई कुछ चिकित्सा रिपोर्ट फर्जी पायी गयी थीं.

पीठ ने कहा कि वह जैन को चिकित्सा जमानत देने पर विचार कर रही है लेकिन सुनवाई की अगली तारीख पर अखिल भारतीय आयुर्वज्ञिान संस्थान (एम्स) या राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जैन की चिकित्सा जांच पर वह गौर करेगी.

आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने बताया कि दिल्ली के पूर्व मंत्री को सांस लेने में दिक्कत के कारण बृहस्पतिवार को पहले दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि जैन ”गंभीर रूप से बीमार” हैं.

एक सप्ताह में यह दूसरी बार है जब जैन को अस्पताल ले जाया गया है. ‘आप’ ने कहा कि जैन बृहस्पतिवार को चक्कर आने से तिहाड़ जेल के शौचालय में गिर पड़े. इससे पहले भी वह जेल शौचालय में गिर गए थे और उन्हें रीढ. की हड्डी में गंभीर चोट आयी थी. शीर्ष न्यायालय ने जैन की याचिका पर 18 मई को ईडी से जवाब मांगा था. उसने ईडी को नोटिस जारी किया था और जैन को राहत तथा उनकी याचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध कराने के वास्ते अवकाशकालीन पीठ के पास जाने की अनुमति दी थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने छह अप्रैल को धन शोधन मामले में जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. ईडी ने जैन से कथित तौर पर जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था.

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