मुफ्त का दाना डालकर जनता को फंसा रहे हैं केजरीवाल, देश को दीर्घकालिक फायदा नहीं: भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘मुफ्त की सौगात’ बांटे जाने के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल पर हमले तेज करते हुए इसे राजनीतिक फायदे के लिए जनता को दाना डालकर फंसाने वाली पहल करार दिया और कहा कि यह केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं से भिन्न है क्योंकि उनका लक्ष्य समाज के कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण है.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुफ्त की सौगातों के पीछे आम आदमी पार्टी के संयोजक का एकमात्र उद्देश्य देश में अपनी और अपनी पार्टी का प्रभुत्व स्थापित करना है. उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल इसलिए मुफ्त की सौगातों को लेकर देश की जनता से झूठ बोल रहे हैं.’’ केजरीवाल की मुफ्त की सौगातों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के फर्क की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों का उद्देश्य बिल्कुल भिन्न है.

उन्होंने दावा किया, ‘‘मुफ्त की सौगात सिर्फ गरीबों के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए होती है. इसका उद्देश्य राजनीतिक फायदा लेना होता है और इससे देश को दीर्घकालिक फायदा नहीं होता. इसके अल्पकालिक फायदे किसी व्यक्ति या किसी दल को जरूर होते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी की मुफ्त की सौगातें दाना डालकर मछली पकड़ने जैसा है…ये केजरीवाल की दाना डालकर फंसाने की कोशिश है ताकि उनकी महत्वाकांक्षा पूरी हो सके.’’ पात्रा ने कहा कि कल्याणकारी योजनाएं किसी लक्षित समूह के लिए होती हैं, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हों… उन्हें संबल देना या आत्मनिर्भर बनाना है, अपने पैरों पर खड़ा करना है.

केजरीवाल सरकार द्वारा छात्रों को बिना गारंटी ऋण देने की एक योजना का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इसके तहत 2021-2022 में 89 छात्रों ने आवेदन किए थे लेकिन दो को ही यह सुविधा हासिल हो सकी. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अधिक से अधिक 10 लाख रुपये का ऋण देने का प्रावधान था लेकिन सूचना का अधिकार से मिली एक जानकारी से पता चलता है कि दिल्ली सरकार ने इसके विज्ञापन पर 19.50 करोड़ रुपये के करीब खर्च कर दिए जबकि जिन दो छात्रों को ऋण मिला, वह राशि 20 लाख रुपये से अधिक की नहीं होगी.

उल्लेखनीय है कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न दलों में ‘रेवड़ी’ (मुफ्त की सौगात) बांटने जैसी लोकलुभावन घोषणाओं के चलन की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि यह न केवल करदाताओं के पैसे की बर्बादी है बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है जो भारत के आत्मनिर्भर बनने के अभियान को बाधित कर सकती है.

प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को दरअसल आम आदमी पार्टी (आप) जैसे दलों में मुफ्त में चीजें दिये जाने की घोषणा के संदर्भ में देखा गया. हाल के दिनों में पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली और पानी तथा अन्य चीजें देने का वादा किया गया था.
प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए केजरीवाल ने इस बात पर जनमत संग्रह कराए जाने की मांग की थी कि करदाताओं का धन स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं पर खर्च किया जाना चाहिए या किसी एक परिवार या किसी के मित्रों पर यह धन खर्च होना चाहिए.

बिहार में फिर लौटा ‘जंगलराज’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार के गठन के बाद से राज्य में हुई अपराध की विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि राज्य में एक बार फिर ‘‘जंगलराज’’ लौट आया है.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 10 अगस्त से लेकर 12 अगस्त के बीच बिहार में पत्रकारों सहित कई लोगों की हत्या हुई है और एक पुजारी को गला रेत कर मारा गया है.

इस दौरान उन्होंने राज्य में हुई बलात्कार की कुछ घटनाओं के साथ ही छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का भी जिक्र किया.
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाईटेड) ने राष्ट्रीय जनता दल से हाथ मिला लिया है. नयी सरकार में 10 अगस्त को नीतीश ने मुख्यमंत्री पद की और राजद नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

पात्रा ने कहा, ‘‘राज्य में तेजी से अव्यवस्था फैल रही है. यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि राज्य में ‘जंगलराज’ लौट आया है.’’ भाजपा बिहार में राजद के शासनकाल को अक्सर ‘‘जंगलराज’’ कहती है और इसे हर चुनाव में मुद्दा भी बनाती है. पात्रा ने दावा किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग सरकार के दौरान गृह और उत्पाद विभाग भाजपा के पास नहीं हुआ करते थे इसके बावजूद भाजपा के दबाव में अपराध की तमाम घटनाओं पर अंकुश रहता था.

भाजपा प्रवक्ता ने 10 लाख रोजगार देने के तेजस्वी यादव के वादे का उल्लेख करते हुए उनपर भी हमला बोला और कहा कि इस बारे में उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए. पात्रा ने कहा कि 10 लाख नौकरियों के बारे में जब तेजस्वी से पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि अभी तो वह मुख्यमंत्री नहीं बने हैं और जब वह मुख्यमंत्री बनेंगे, तब नौकरी देंगे. नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के चुनावी अभियान का नेतृत्व करते हुए कहा था कि यदि राज्य में उनकी सरकार बनेगी तो वह 10 लाख रोजगार देगी.

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