खरगोन हिंसा : एक धर्म के लोगों का बहिष्कार करने का वीडियो आया सामने, अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

खरगोन. मध्यप्रदेश की खरगोन जिले की पुलिस ने एक विवादित वीडियो सामने आने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ एक धर्म विशेष के प्रति वैमनस्यता फैलाने का मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में ट्रक पर लगे डीजे पर कथित तौर पर एक समुदाय के सदस्यों पर मध्यप्रदेश के खरगोन शहर में हाल ही में हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए उनका सामाजिक बहिष्कार करने और उनसे सामान न खरीदने का आह्वान किया गया.

इसी बीच, खरगोन शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर 121 सीसीटीवी कैमरे लगाने शुरू कर दिए हैं. कैमरों को उस इलाके में भी लगाया जा रहा है जहां कथित रूप से पथराव की घटनाएं हुई थीं. वहीं, स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार को लगातार चौथे दिन खरगोन में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक नौ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी और आज से कर्फ्यू में छूट की अवधि के दौरान निजी यात्री बसों का संचालन भी शुरू कर दिया गया.

खरगोन शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर कथित पथराव के बाद आगजनी की घटनाएं हुई थीं, जिसमें दुकानों, घरों एवं वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. 14 अप्रैल से स्थानीय प्रशासन कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दे रहा है.

पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया, ‘‘वायरल वीडियो की जानकारी मिली है. करही पुलिस थाने में सोमवार रात को अज्ञात लोगों के खिलाफ धर्म विशेष के प्रति वैनमस्यता फैलाने का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.’’ करही पुलिस थाना प्रभारी परमानंद गोयल ने कहा कि यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए के तहत दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस को सोमवार रात को वीडियो के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है और मामले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है.

गोयल ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार वीडियो में कथित तौर पर सुनी गई घोषणा 19 अप्रैल को खरगोन जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित कतरगांव में की गई थी. इस वीडियो में उद्घोषक हिंदुओं से कथित तौर पर अनुरोध कर रहा है कि वे खरगोन शहर में रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव करने एवं हिंदुओं के घरों को जलाने वाले ‘‘अधर्मी’’ और ‘‘पाखंडी’’ दुकानदारों का बहिष्कार करें और उनसे सामान न खरीद कर उन्हें करारा जवाब दें. इसी तरह के एक अन्य वीडियो में भी महिलाओं के एक समूह द्वारा संकल्प लिया जा रहा है कि वे ‘‘विर्धिमयों’’ की दुकानों से कपड़ा, चप्पल या अन्य कोई भी वस्तु नहीं खरीदेंगी और ना ही उन्हें अपनी कोई भी वस्तु बेचेंगी.

इस बारे में पूछे जाने पर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट मिंिलद ढोके ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रशासन वीडियो क्लिप की जांच कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘वीडियो स्पष्ट नहीं है. मामले की जांच के बाद आगे कानूनी कदम उठाए जाएंगे.’’ वहीं, खरगोन के भाजपा सांसद गजेंद्र पटेल का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह खरगोन जिले के कसरावद में हिंदुओं से कह रहे हैं कि रामनवमी जुलूस पर पथराव करने वालों को ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए तैयार रहें.

पटेल ने कहा,‘‘आपने राम जी के जुलूस पर, भगवान रामजी के जन्मोत्सव पर, हजारों रामभक्तों पर जहां पर फूल बरसने थे, वहां पर पत्थर फेंके हैं. ये ध्यान रखना कि बाबा का आशीर्वाद है और कसरावद के यहां पर नौजवान बैठे हैं. एक संकल्प पारित करना. हमारी मां-बहनों का दर्द सुनना, खरगोन की बहनों का, हमारे भाइयों का दर्द आंखों में झलकते हुए देखना और ये गांठ बांध लेना कि यह मां भारत का देश है.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगर आपने पत्थर बरसाए हैं तो हम भी संत-सनातन धर्म के लोग हैंङ्घ पत्थर तुमने बरसाये हैं हम पर. ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए तैयार रहना. अब कोई भी अत्याचारी जो हम पर पत्थर फेंकेगा तो उसकी तैयारी करके रखो.’’

वहीं, नगर पालिका, खरगोन की मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रियंका पटेल ने बताया, ‘‘पुलिस प्रशासन द्वारा प्रदत्त सूची के मुताबिक 36 स्थानों पर 121 सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसमें 14 विशेष कैमरे हैं, जो किसी स्थान से गुजरने वाले वाहन की नंबर प्लेट तक का दृश्य ले सकते हैं. इसके अलावा, 10 कैमरे ऐसे हैं जो 360 डिग्री पर घूम कर दृश्य रिकॉर्ड करने में सक्षम हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘97 कैमरे वेरीफोकल आईपी कैमरे हैं जो पूरी तरह सुरक्षा या अपने सामने से गुजरने वालों की गतिविधि को रिकॉर्ड कर सकेंगे.’’ पटेल ने बताया कि शहर के 36 स्थानों में वह क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां हाल में पथराव की घटनाएं हुई थी.

खरगोन जिलाधिकारी अनुग्रह पी ने बताया कि मंगलवार से कर्फ्यू में छूट की अवधि के दौरान निजी यात्री बसों का संचालन बस स्टैंड से शुरू कर दिया गया. उन्होंने बताया कि ये बसें सोमवार तक खरगोन की सीमा तक आ रही थीं जहां से यात्रियों को पैदल ही अपने गंतव्य तक जाना पड़ रहा था. उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में ढील की अवधि के दौरान कृषि मंडी, दूध, सब्जियां, दवाएं सहित अन्य दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है.

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