विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं: भाजपा

कांग्रेस सनातन विरोधी, राम विरोधी : नड्डा

नयी दिल्ली/हैदराबाद. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के नेताओं द्वारा दिए गए कुछ बयानों का उल्लेख करते हुए उन्हें राष्ट्र हित के खिलाफ बताया और विपक्ष पर पाकिस्तान की बोली बोलने का आरोप लगाते हुए लोगों को उनसे सावधान रहने को कहा.

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार के उन आरोपों का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादी अजमल कसाब ने नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने आतंकवाद निरोधक दस्ते के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या की थी. त्रिवेदी ने इस क्रम में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के उस दावे का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर में सैन्य र्किमयों पर हमले को ‘चुनावी स्टंट’ बताया था.

उन्होंने पांच अन्य उदाहरणों का उल्लेख किया, जिनमें पाकिस्तानी नेता चौधरी फवाद हुसैन द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना और राहुल गांधी की प्रशंसा करना तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला द्वारा पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार होने के दावे का उल्लेख शामिल है. त्रिवेदी ने दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने जो कहा वह बहुत ही ”चौंकाने वाला” खुलासा है क्योंकि अभी तक केवल कुछ पाकिस्तानी नेताओं ने इस तरह की टिप्पणी की है.

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि ”पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं और उसके पास परमाणु हथियार हैं.” भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां महिलाओं का भी अपमान हैं. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बांग्लादेशी अखबार में स्तंभ लिखकर मोदी की आलोचना की है और मौजूदा लोकसभा चुनावों का विश्लेषण किया है. उन्होंने कहा कि जब भारत में चुनाव हो रहे हैं तो वह दूसरे देश में जनता की राय बना रहे हैं.

थरूर ने हालांकि बाद में सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कहीं भी अपने लेखन या बयानों में कभी भी इस तरह के शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह बदलाव अखबार के संपादकों द्वारा किया गया है जिसे वह स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा, “लेकिन विदेशी अखबारों के संपादकों पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है.” त्रिवेदी ने कहा, ” ‘इंडिया’ गठबंधन का एक नेता मुंबई आतंकवादी हमले पर पाकिस्तान को ‘कवर फायर’ दे रहा है, दूसरा उसके परमाणु हथियार के बारे में बोल रहा है, जबकि तीसरा सैनिकों की शहादत को ‘चुनावी स्टंट’ बता रहा है.” भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है.

उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेताओं द्वारा बोली गई हर बात पाकिस्तान के रुख को प्रतिध्वनित करती है. त्रिवेदी ने कहा कि ये सभी घटनाक्रम महज एक संयोग नहीं हैं बल्कि जानबूझकर किये गये और खतरनाक प्रयोग हैं. उन्होंने लोगों से देश के भीतर छिपे ‘गद्दारों’ से सावधान रहने की अपील करते हुए सवाल किया, “ये नेता किसके हाथों में खेल रहे हैं.” त्रिवेदी ने कहा कि बाहर विभिन्न तरह की ताकतें र्गिवत और आत्मविश्वास से भरे भारत के उदय को रोकने की कोशिश कर रही हैं.

कांग्रेस सनातन विरोधी, राम विरोधी : नड्डा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल ”सनातन विरोधी” और ”राम विरोधी” है तथा वह राष्ट्र विरोधी ताकतों से हाथ मिलाता है. नड्डा ने तेलंगाना के पेद्दापल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भाजपा पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाना उस मुहावरे की तरह है कि सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें 72 छेद.

उन्होंने कहा, ” कांग्रेस राम विरोधी पार्टी है. कांग्रेस सनातन विरोधी है. कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो देश विरोधी ताकतों से हाथ मिलाती है.” नड्डा ने कहा कि जब द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी, डेंगू और मलेरिया से की तो कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुप रहे.

भाजपा अध्यक्ष ने असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस को ‘एबीसी’ टीम करार देते हुए आरोप लगाया कि ‘ये सभी तीनों के तीनों मुस्लिम लीग का एजेंडा चलाने वाली पार्टी यहां है’. उन्होंने दावा किया कि ये तीनों दल तब्लीगी जमात के ‘सिद्धांतों और नीतियों’ का पालन करते हैं और मुख्यधारा के लोगों को परेशान करते हैं.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ये दल 17 सितंबर को ‘मुक्ति दिवस’ नहीं मना सकते (वह दिन जब निजाम शासन के तहत हैदराबाद रियासत का 1948 में भारतीय संघ में विलय हुआ था) लेकिन जब तेलंगाना में भाजपा सरकार बनाएगी, तो इस दिन को बड़े पैमाने पर उत्सव के रूप में मनाएगी.

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