
नयी दिल्ली/बेंगलुरु/दावणगेरे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन कोई ऐसा मुद्दा नहीं है कि जिस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा की जाए. संविधान दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली लौटे खरगे ने संवाददाताओं से कहा, “यह यहां चर्चा करने का विषय नहीं है और वह भी सार्वजनिक रूप से. मैं विशेष रूप से 26 नवंबर को संविधान दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहां आया हूं. मेरे पास कार्यक्रम के लिए निमंत्रण है. कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे समीक्षा बैठकों में शामिल होना है. इसके बाद मैं आगे बढ़ूंगा.”
राहुल गांधी से उनकी संभावित मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ”आप सभी जानते हैं कि पार्टी अध्यक्ष कहीं और चर्चा नहीं करते हैं. अगर मुलाकात होगी तो हम चर्चा करेंगे.” दिल्ली रवाना होने से पहले, खरगे के साथ उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार उनकी कार में बेंगलुरु हवाई अड्डे तक गए.
कांग्रेस सरकार के 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने के बाद सत्तारूढ़ दल के भीतर सत्ता को लेकर खींचतान तेज हो गई है. राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष तेज हो गया है. 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के अपने पांच वर्षीय कार्यकाल के ढाई साल पूरा होने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है, क्योंकि 2023 में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कथित “सत्ता साझेदारी” समझौते का दावा किया जा रहा है.
सिद्धरमैया ने हाल ही में कहा था कि वह पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे और भविष्य में राज्य का बजट पेश करना जारी रखेंगे. शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पार्टी में चार-पांच लोगों के बीच एक “गुप्त समझौता” है, और उन्हें अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है.
बेलगावी में विस सत्र से पहले नेतृत्व का मुद्दा सुलझाएं : भाजपा नेता विजयेंद्र ने कांग्रेस से कहा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने मंगलवार को कहा कि राज्य ”कार्यवाहक या निवर्तमान मुख्यमंत्री” नहीं चाहता है और उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस से आग्रह किया कि वह अगले महीने बेलगावी में शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले नेतृत्व विवाद सुलझा ले.
विजयेंद्र ने कहा कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी में अंदरूनी कलह जारी रही, तो सरकार सत्र के दौरान लोगों और किसानों की चिंताओं का समाधान करने में असमर्थ रहेगी. उन्होंने सुझाव दिया कि यदि कांग्रेस नेता नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे को सुलझाने में असमर्थ रहे, तो सत्र को स्थगित कर देना चाहिए. बीस नवंबर को कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने के बाद, सत्तारूढ़ दल के भीतर सत्ता संघर्ष तेज. हो गया है.
विजयेंद्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”आठ दिसंबर से बेलगावी में राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होगा और लोग इस सत्र के दौरान राज्य, खासकर उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र और किसानों के सामने आने वाले कई मुद्दों पर जवाब पाने के लिए बेचैनी से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सत्तारूढ़ दल में प्रतिस्पर्धा जारी है.” उन्होंने कहा, ”मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि राज्य को कोई कार्यवाहक या निवर्तमान मुख्यमंत्री नहीं चाहिए. बेलगावी सत्र में आने से पहले, अपनी पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए जारी खींचतान सुलझाएं. अगर सत्र के दौरान खींचतान जारी रही, तो आप किसानों और राज्य के मुद्दों पर न तो जवाब दे पाएंगे और न ही उनका समाधान कर पाएंगे.” ऐसी परिस्थितियों में सत्र आयोजित करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए, उन्होंने सरकार से नेतृत्व के मुद्दे को सुलझाने के बाद तैयारी के साथ आने या “सत्र स्थगित” करने को कहा.
भाजपा नेता ने राज्य सरकार पर गन्ना और मक्का किसानों की चिंताओं का समाधान करने में “विफल” रहने का आरोप लगाया.
विजयेंद्र के अनुसार, मक्का दावणगेरे, बेलगावी, शिवमोगा, बल्लारी, विजयपुरा, हावेरी, चित्रदुर्ग, तुमकुरु और अन्य जिलों में व्यापक रूप से उगाया जाता है और सरकार की नि्क्रिरयता उत्पादकों के साथ अन्याय है.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य भर के किसानों की ओर से आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि 27 और 28 नवंबर को सभी विधानसभा क्षेत्रों में और 1 और 2 दिसंबर को जिला केंद्रों में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. इस सरकार को जगाने और गन्ना, मक्का और धान किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए मंगलवार को दावणगेरे में एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया है. किसान मक्के के लिए 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं और सरकार से खरीद केंद्र शुरू करने का आग्रह कर रहे हैं.



