राहुल के बयान और जेपीसी की मांग को लेकर लोकसभा में गतिरोध कायम

नयी दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने और अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन लोकसभा में भारी हंगामा किया.

सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी. सोमवार से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार पांचवें दिन लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और अन्य कामकाज नहीं हो सके.

सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया और प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी का नाम पुकारा. इस बीच, कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर अडाणी समूह से जुड़े मामले की जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे.

उधर, सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे. हालांकि, कांग्रेस नेता तिवारी ने पूरक प्रश्न पूछने के लिए सदन में व्यवस्था नहीं होने का उल्लेख किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठें. उन्होंने सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी बैठने का इशारा किया.

सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. सत्ता पक्ष के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे, जबकि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल के सदस्य ‘बोलने दो, बोलने दो..राहुल जी को बोलने दो’ के नारे लगा रहे थे. इस दौरान सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. सदन के उप नेता राजनाथ ंिसह भी उपस्थित थे.

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से व्यवस्था बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि सदस्यगण सदन चलने दें. उन्होंने कहा, ‘‘आपको नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है.’’ उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था बनेगी, तब वे सभी को बोलने का मौका देंगे. बिरला ने सदस्यों से कहा कि इस तरह से खड़े रहेंगे (आसन के पास) तो कार्यवाही नहीं चलेगी.

हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
अब शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण सदन की अगली बैठक सोमवार को होगी. सदन की बैठक स्थगित होने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कार्यवाही के प्रसारण के दौरान आवाज बंद कर दी गई थी, हालांकि लोकसभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि तकनीकी दिक्कत के कारण यह स्थिति पैदा हुई है.

कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘नारे लगे – राहुल जी को बोलने दो… बोलने दो.. बोलने दो फिर ओम बिरला मुस्कुराए और सदन म्यूट हो गया. ये लोकतंत्र है? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इस वीडियो को रीट्वीट करते हुए कहा, ‘‘ लोकतंत्र, ओम शांति.’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘देशवासियों के सवाल: प्रधानमंत्री जी व गौतम अडाणी के बीच क्या रिश्ता है?

प्रधानमंत्री जी उन पर लगे आरोपों की जांच क्यों नहीं करा रहे? भाजपा सरकार का जवाब, म्यूट मोदी जी, म्यूट संसद, क्या कारण है कि अडाणी व प्रधानमंत्री जी से जुड़े सवालों को सुनते ही पूरी भाजपा मौन मोड में चली जाती है.’’ कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘संसद टीवी की आवाज बंद करना नयी तरकीब है. अगर आप प्रसारण की आवाज बंद कर देंगे तो आपको किसी व्यक्ति के माइक को बंद करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.’’

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