जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों ने उत्तर प्रदेश के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार को आतंकवादियों ने गोली मारकर उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति की हत्या कर दी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक दिन पहले ही आतंकवादियों ने एक पुलिस अधिकारी को निशाना बनाया था. पुलिस प्रवक्ता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”आतंकवादियों ने मजदूर की पुलवामा के तुमसी नौपोरा में गोली मार दी जिसकी बाद में मौत हो गई. उसकी पहचान उत्तर प्रदेश निवासी मुकेश के तौर पर हुई है.” प्रवक्ता ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और मजदूर की हत्या में संलिप्त आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान शुरू किया गया है.
यह गत 24 घंटे में कश्मीर घाटी में आतंकवाद की दूसरी घटना है. इससे पहले आतंकवादियों ने श्रीनगर शहर के ईदगाह मैदान में पुलिस निरीक्षक मसरूर अहमद वानी को उस समय गोली मार दी थी जब वह स्थानीय लड़कों के साथ क्रिकेट खेल रहे थे. वानी घटना में गंभीर रूप से घायल हैं. अधिकारियों ने बताया कि दो आतंकवादी हमलों के बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है खासतौर पर श्रीनगर और दक्षिणी कश्मीर के इलाकों में.
अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षक वानी पर हमले के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है, श्रीनगर एवं अन्य शहरों खासतौर पर दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा के कई इलाकों में वाहनों और पैदल यात्रियों की जांच तेज कर दी गई है. उन्होंने बताया कि श्रीनगर के सभी प्रमुख चौराहों और शहर से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर सचल वाहन जांच चौकी स्थापित की गई है. जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि चारों तरफ खतरा अब भी है और पुलिस र्किमयों को पुलिस अधिकारी पर हमले जैसी घटनाओं के प्रति सजग रहना चाहिए.
डीजीपी सिंह ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ह्लहमें सतर्क रहना होगा. आसपास अभी भी खतरा बरकरार है; हम इन्हें हल्के में नहीं ले सकते. हमें सावधान रहना होगा, हमें सतर्क रहना होगा. मैं प्रार्थना करता हूं कि वह (वानी) जल्द ठीक हो जाएं.ह्व जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद गैर स्थानीय लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ी थीं लेकिन इस साल बहुत कम ऐसी घटनाएं हुई थीं. सोमवार को हुई घटना इस साल गैर स्थानीय निवासियों पर हमले की तीसरी घटना है.
इस साल मई में अनंतनाग जिले में आतंकवादियों ने एक सर्कस कर्मचारी की हत्या कर दी थी जबकि जुलाई में शोपियां जिले में आतंकवादियों ने गोलीबारी की थी जिसमें बिहार के तीन मजदूर घायल हो गए थे. इस बीच, विभिन्न नेताओं ने पुलिस अधिकारी और मजदूर पर हमले की निंदा की है.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”जब मैं यह ट्वीट लिख रहा हूं तो थाना प्रभारी मसरूर अहमद जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. ऐसे कायरतापूर्ण हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है. हिंसा का विवेकहीन दुष्चक्र कब समाप्त होगा? मैं उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूं. मैं कल्पना भी नहीं सकता कि उनके परिवार की क्या हालत होगी.” पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सजाद लोन ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि हिंसा की आफत वापस आ गई है.
लोन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ” हिंसा की आफत की वापसी हो गई है. कल एक पुलिस अधिकारी पर विवेकहीन क्रूर हमला और आज पुलवामा में एक मजदूर की हत्या इन क्रूर हत्यारों की हताशा का संकेत है.” अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”पुलवामा जिले में एक निर्दोष गैर-स्थानीय की हत्या से बहुत दुखी हूं. यह हत्या पूर्ण रूप से मूर्खतापूर्ण कृत्य है और इससे किसी को कोई फायदा नहीं होगा. आशा है कि अधिकारी जल्द ही दोषियों को पकड़ लेंगे ताकि उन्हें अपने कृत्य की सजा मिल सके.”