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भारत में चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा : मंत्री

नयी दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि भारत चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करके और वैश्विक मानकों के साथ तालमेल बैठाकर वैश्विक चिकित्सा प्रौद्योगिकी परिदृश्य में खुद को एक अग्रणी प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करने में सफल रहा है.

मेडिकल टेक्निकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमताई) की ओर से आयोजित ‘मेडटेकॉन 2025’ को संबोधित करते हुए अनुप्रिया ने कहा कि भारत में चिकित्सा प्रौद्योगिकी तेजी से बढ़ने वाला और बहुत गतिशील क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य देखभाल की मांग बढ़ रही है, हर कोई बेहतर सेवा एवं परिणाम चाहता है और चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लगातार प्रगति एवं नवाचार दर्ज किया जा रहा है.

अनुप्रिया ने कहा, “सरकार भी चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की नीतियों को भरपूर समर्थन दे रही है, क्योंकि हमारा ध्यान इस दिशा में भारत को अधिक आत्मनिर्भर बनाने पर है. इससे क्षेत्र के विकास को गति मिली है और यह अधिक जीवंत बना है. एशिया में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा क्षेत्र भारत का है. हम वैश्विक स्तर पर भी शीर्ष 20 देशों में शामिल हैं.” उन्होंने कहा, “मौजूदा समय में भारत का चिकित्सा उद्योग लगभग 14 अरब अमेरिकी डॉलर का है, जिसके 2030 तक बढ़कर लगभग 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. यही नहीं, हमें उम्मीद है कि 2030 तक वैश्विक चिकित्सा बाजार में भारत की हिस्सेदारी मौजूदा 1.65 फीसदी से बढ़कर लगभग 10-12 प्रतिशत हो सकती है.” अनुप्रिया ने कहा कि निर्यात के क्षेत्र में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में भारत का निर्यात करीब 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर रहा और सभी पांच प्रमुख क्षेत्रों में इसमें लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

मंत्री ने कहा कि सरकार चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने के लिए अपनी नीतियों, योजनाओं और पहल के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, “चिकित्सा उपकरण नीति, जिसे सरकार ने 2023 में मंजूरी दी थी, इस क्षेत्र की हर जरूरत को बहुत व्यापक तरीके से संबोधित करती है. इसके साथ-साथ, एक पारदर्शी एवं वैश्विक मानक के अनुरूप नियामक ढांचे के प्रभावी कार्यान्वयन से भी इस उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.” पटेल ने कहा कि निवेश आर्किषत करने के लिए सरकार ने स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की अनुमति दी है और एफडीआई योजना के तहत इस क्षेत्र में धन प्रवाह में वृद्धि दर्ज की गई है.

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