पैक्स को बहुउद्देश्यीय बनाने के लिए आदर्श उपसंहिता तैयार : केंद्रीय गृहमंत्री शाह

अमरेली. केंद्र सरकार ने प्राथमिक कृषि साख सोसाइटी (पैक्स) को ‘बहुउद्देश्यीय’ स्वरूप प्रदान करने की योजना बनाई है और इसके लिए आदर्श उपसंहिता तैयार है. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यहां रविवार को यह जानकारी दी. शाह ने सात सहकारी संस्थाओं की वार्षिक आम बैठक में कहा कि सरकार बीज संवर्धन और विपणन के साथ-साथ जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए एक बहु-राज्य सहकारी समिति बनाने की भी योजना बना रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘सेवा सहकारी मंडली (पैक्स) को विपणन, गोदामों, गोबर गैस बनाने, बिजली बिल संग्रह, गैस वितरण एजेंसियों के लिए सुविधा, नल से जल योजना आदि सुविधाओं के साथ बहुउद्देशीय बनाया जाएगा. इस बहुउद्देशीय मंडली के लिए मॉडल उपसंहिता तैयार है और यह आपको सितंबर के अंत से पहले भेज दी जाएगी. देश का पैक्स बहुउद्देश्यीय और लाभ कमाने वाला होगा.’’ शाह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य दिसंबर से शुरू होने वाले अगले पांच वर्षों के दौरान देश में पैक्स की संख्या मौजूदा 65,000 से बढ़ाकर तीन लाख करना है. प्रत्येक पंचायत के लिए एक पैक्स होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य, बीमा, परिवहन और पर्यटन आदि क्षेत्रों में सहकारी समितियों के पंजीकरण की सुविधा के साथ एक नई सहकारी नीति लाने की योजना बना रही है. शाह ने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राकृतिक खेती पर जोर देने के साथ ही केंद्र सरकार जैविक उत्पादों के विपणन और प्रमाणन के लिए एक बहु-राज्य सहकारी सोसाइटी स्थापित करने की योजना बना रही है, जिससे जैविक खेती में शामिल किसानों को सीधे लाभ होगा.

उन्होंने कहा, ‘‘जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण और विपणन के लिए अमूल और पांच सहकारी समितियों को एक बहु-राज्य सहकारी समिति बनाने के लिए एक साथ लाया गया है. यह सहकारी समिति मिट्टी और जैविक उत्पादों की जांच करने और उन्हें अमूल जैविक उत्पाद के रूप में प्रमाणित करने के लिए हर राज्य में प्रयोगशालाएं स्थापित करेंगी, ताकि लाभ सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजा जा सके.’’ शाह ने किसानों के लाभ के लिए कृषि उत्पादों के संबंध में एक बहुराज्य सहकारी निर्यात गृह स्थापित करने की भी जानकारी दी.
विपक्षी दलों पर हमला करते हुए शाह ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में सभी डेयरी सहकारी समितियों को बंद कर दिया गया था, जिससे निजी कारोबारियों को दूध उत्पादकों का शोषण करने का मौका मिला.

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद सहकारी डेयरी ने ठीक से काम करना शुरू कर दिया. शाह ने यह भी कहा कि एक अलग सहकारिता मंत्रालय स्थापित करने का विचार तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने दिया था. कार्यक्रम में मौजूद रूपाला अब केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री हैं.

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