मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन में कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल 7.5% की दर से बढ़ेगी

समरकंद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सालाना शिखर सम्मेलन में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस साल 7.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और यह दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा होगी. मोदी ने उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में प्रगति कर रहा है. उन्होंने इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं का जिक्र किया.

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में प्रगति कर रहे हैं. देश के युवा और प्रतिभाशाली कार्यबल ने हमें स्वभाविक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाया है.’’ प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन में मौजूदा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनंिपग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और समूह के अन्य नेताओं की मौजूदगी में यह बात कही.

उन्होंने कहा, ‘‘हम हर क्षेत्र में नवोन्मेष को समर्थन कर रहे हैं. आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्टअप हैं. इसमें से 100 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले) हैं. हमारा अनुभव एससीओ के अन्य सदस्य देशों के लिये उपयोगी हो सकता है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘इसके लिये हम स्टार्टअप और नवोन्मेष पर विशेष कार्यकारी समूह गठित कर एससीओ सदस्य देशों के साथ अपने अनुभव साझा करने को तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा कि भारत जन-केंद्रित विकास मॉडल में प्रौद्योगिकी के समुचित उपयोग पर काफी ध्यान दे रहा है.

उल्लेखनीय है कि भारत अब भी तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना हुआ है. हाल में भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. अपने संबोधन में मोदी ने कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न बाधाओं से निपटने को लेकर शंघाई सहयोग संगठन के लिये भरोसेमंद और मजबूत आपूर्ति व्यवस्था विकसित करने की जरूरत की बात कही.

एससीओ की शुरुआत जून, 2001 में शंघाई में हुई थी. इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.

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