मध्य प्रदेश में सुरक्षा गार्डों की हत्या से रमन राघव सरीखे ‘सीरियल किलर’ की यादें ताजा

मुंबई/सागर. मध्य प्रदेश के सागर शहर में 72 घंटे में तीन सुरक्षा गार्ड की हत्या से, मुंबई में 1960 के दशक में कई बेघर लोगों की हत्या करने वाले ‘सीरियल किलर’ रमन राघव और ऐसे अन्य हत्यारों की यादें ताजा हो गई हैं. फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक दीप्ति पुराणिक ने मुंबई से पीटीआई-भाषा को बताया कि ऐसा लगता है कि सागर में हुई तीन हत्याएं किसी ‘‘मिशन पर निकले ‘सीरियल किलर’ का काम हो सकती हैं जो किसी विशेष प्रकार के लोगों, ताजा मामले में सुरक्षा गार्ड, को खत्म करने के अभियान पर निकला है.’’ हालांकि, किसी सीरियल किलर की आशंका को नकारा नहीं जा सकता पर मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी.

पुलिस ने कहा कि वे दोषी को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं. पुराणिक ने कहा कि इस मामले में हत्या का इरादा घृणा हो सकता है और हत्यारा हमला करने में पारंगत हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हत्यारे ने अपने बचपन में प्रताड़ना झेली होगी, जैसा कि अमूमन श्रृंखलाबद्ध हत्याओं के मामलों में होता है.

उन्होंने कहा, ‘‘हत्यारे को ऐसा लगता है कि जिन्हें वह मार रहा है उनके लिए मौत ही एकमात्र सजा है और उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है.’’ सेवानिवृत सहायक पुलिस आयुक्त भारत शेलके ने कहा कि मध्य प्रदेश में श्रृंखलाबद्ध तरीके से हुई हत्याओं ने रमन राघव जैसे कई हत्यारों की याद ताजा कर दी है जिसने 1960 के दशक में देश को हिलाकर रख दिया था. उन्होंने कहा कि श्रृंखलाबद्ध हत्याओं के मामले में मृतक और आरोपी की पहचान, हथियार की बरामदगी और अपराध करने का इरादा पता लगाना महत्वपूर्ण चीजें होती है.
उन्होंने कहा कि राघव को ‘साइको रमन’ भी कहा जाता था और उसने मुंबई की सड़कों पर रहने वाले कम से कम 41 बेघर लोगों की हत्या करने की बात स्वीकार की थी.

शेलके ने कहा कि राघव सिजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित था और 1966-68 में उसने मुंबई में आतंक मचा रखा था. वह सोते हुए गरीब व्यक्तियों और महिलाओं को छड़ जैसी भोथरी और भारी चीजों से पीट पीटकर मार डालता था. शेलके ने बताया कि दिवंगत पुलिस आयुक्त एलेक्स फियाल्हो मुंबई में 1968 में डोंगरी पुलिस थाने में उप निरीक्षक थे जिन्होंने राघव को यहां ंिभडी बाजार से गिरफ्तार किया था.

पिछले साल अक्टूबर में सुरेश गौड़ा (40) को गिरफ्तार किया गया था जिसने मुंबई में 15 मिनट के भीतर, फुटपाथ पर सो रहे दो व्यक्तियों की हत्या कर दी थी. जांच में सामने आया कि इससे पहले उसे मुंबई के कुर्ला में इसी तरह की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. वर्ष 2017 में मुंबई के उपनगर बांद्रा में पांच लोगों की सिर कूच कर हत्या कर दी गई थी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में, केटंिरग कंपनी में काम करने वाले 26 वर्षीय एक मजदूर को गिरफ्तार किया गया था.

एक अन्य ‘सीरियल किलर’, जिसे ‘बीयर मैन’ के नाम से जाना जाता था, को अक्टूबर 2006 से जनवरी 2007 के बीच मुंबई में कम से कम छह लोगों की हत्या करने का जिम्मेदार पाया गया था. इस मामले में हर हत्या के बाद शव के पास बीयर की एक कैन पायी जाती थी. इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में अदालत ने उसे बरी कर दिया था.

मध्य प्रदेश में 2018 में पुलिस ने एक ‘सीरियल किलर’ आदेश खन्ना को रायसेन जिले से गिरफ्तार किया था जिस पर एक दशक में 34 ट्रक चालकों और क्लीनरों की हत्या करने का आरोप था. अतीत में इस तरह के हत्यारों की एक लंबी फेहरिस्त है. चार्ल्स शोभराज को कौन भूल सकता है जिसे मुंबई के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक मधुकर जेंडे ने गोवा के एक होटल से गिरफ्तार किया था. शोभराज (78) को ‘बिकनी किलर’ कहा जाता था क्योंकि उसने ऐसे परिधान पहनने वाली कई महिलाओं की हत्या की थी. उसने 1975 से 1976 के बीच दक्षिण एशिया के विभिन्न हिस्सों में 12 लोगों की हत्या की थी. शोभराज वर्तमान में नेपाल की एक जेल में सजा काट रहा है.

सागर में 72 घंटे में 3 चौकीदारों की हत्या, पुलिस को 2 हत्याओं के पीछे एक ही व्यक्ति का शक

मध्य प्रदेश के सागर शहर में पिछले 72 घंटों में अलग-अलग घटनाओं में तीन चौकीदारों की हत्या कर दी गई, जिससे यहां दहशत फैल गई है. हत्याओं के तरीके से एक ही व्यक्ति द्वारा घटनाओं को अंजाम दिए जाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है, लेकिन सागर पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह जांच का विषय है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. पुलिस ने संदिग्ध हत्यारे का स्केच भी जारी किया है.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह कुशवाहा ने बताया कि कैंट थाना क्षेत्र में 28-29 अगस्त की दरमियानी रात एक कारखाने में तैनात चौकीदार कल्याण लोधी (50) की सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या कर दी गई, जबकि दूसरी घटना में सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 29-30 अगस्त की दरमियानी रात कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में ड्यूटी पर तैनात एक अन्य चौकीदार शंभू नारायण दुबे (60) की सिर पर पत्थर मार कर हत्या कर दी गई.

उन्होंने बताया कि तीसरी घटना में मोती नगर थाना इलाके में 30-31 अगस्त की दरमियानी रात अज्ञात आरोपी ने एक मकान की रखवाली करने वाले मंगल अहिरवार के सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी. कुशवाहा ने कहा कि घटनाक्रम की अवधि व तरीका किसी एक व्यक्ति की संलिप्तता का संकेत देता है, लेकिन आरोपी एक से ज्यादा या अलग अलग भी हो सकते हैं.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने संदिग्ध हत्यारे का स्केच जारी किया है और उम्मीद है कि उसे जल्द पकड़ लिया जाएगा. पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने कहा कि कैंट और सिविल लाइन थाना क्षेत्रों में हुई हत्याएं एक जैसी प्रकृति की थीं और ऐसा प्रतीत होता है कि घटना को एक ही व्यक्ति ने अंजाम दिया होगा. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और जुटाए गए वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर पुलिस हत्यारे को पकड़ने के लिए काम कर रही है. नायक ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि अपराधी ‘साइको या सीरियल किलर’ है.

उन्होंने बताया कि पुलिस को अपराधी के बारे में कुछ ठोस सुराग मिले हैं और उसे पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है.
वर्ष 2018 में पुलिस ने एक दशक में 34 ट्रक चालकों और परिचालकों की हत्या के आरोप में मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के मंडीदीप से आदेश खामरा को गिरफ्तार किया था. सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) बिट्टू शर्मा ने बताया कि खामरा फिलहाल राज्य की राजधानी भोपाल की जेल में बंद है और मामले की सुनवाई चल रही है.

इसी बीच, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में मीडिया से कहा, ‘‘हमने घटना का संज्ञान लिया है. पुलिस अलर्ट मोड पर है. इसके अलावा, रात्रि गश्त पर तैनात चौकीदारों को भी सतर्क किया गया है. पूरे सागर शहर से सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए गए हैं. सीसीटीवी फुटेज में एक-दो जगह एक व्यक्ति मौके से भागता नजर आ रहा है. बहुत जल्द हम इन घटनाओं के निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.’’ मिश्रा ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इन घटनाओं के पीछे एक ही व्यक्ति का हाथ है, लेकिन जब तक पुलिस उसे पकड़ नहीं लेती, तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा होगी.

वर्ष 2018 में पुलिस ने एक दशक में 34 ट्रक चालकों और परिचालकों की हत्या के आरोप में मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के मंडीदीप से आदेश खामरा को गिरफ्तार किया था. सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) बिट्टू शर्मा ने बताया कि खामरा फिलहाल राज्य की राजधानी भोपाल की जेल में बंद है और मामले की सुनवाई चल रही है.

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