ब्रिक्स देशों का आपसी सहयोग कोविड के नुकसान से उबरने में उपयोगी योगदान दे सकता है: मोदी
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का नजरिया काफी समान है, इसलिए सभी के बीच आपसी सहयोग कोविड-19 के नुकसान से उबरने में उपयोगी योगदान दे सकता है.
ब्रिक्स देशों के 14वें शिखर सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हालांकि वैश्विक स्तर पर महामारी का प्रकोप पहले की तुलना में कम हुआ है लेकिन इसके अनेक दुष्प्रभाव अब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में हम ब्रिक्स सदस्य देशों का नजरिया काफी समान रहा है और इसलिए हमारा आपसी सहयोग ‘पोस्ट कोविड रिकवरी’ में उपयोगी योगदान दे सकता है.’’ ब्रिक्स दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका- को एक मंच पर लाता है. इन देशों की कुल हिस्सेदारी वैश्विक आबादी में 41 प्रतिशत, वैश्विक जीडीपी में 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 16 प्रतिशत है.
मोदी ने कहा, ‘‘कोविड महामारी की चुनौतियों के मद्देनजर हम लगातार तीसरे साल आॅनलाइन माध्यम से बैठक कर रहे हैं. हालांकि, वैश्विक स्तर पर महामारी का प्रकोप पहले की तुलना में कम हुआ है लेकिन इसके अनेक दुष्प्रभाव अब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में दिखाई दे रहे हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम – ब्रिक्स सदस्य देश – वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर समान दृष्टिकोण रखते हैं इसलिए हमारा आपसी सहयोग कोविड के नुकसान से उबरने में उपयोगी योगदान दे सकता है. ’’ मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स में कई संस्थागत सुधार हुए हैं जिनसे इस संगठन की प्रभावशीलता बढ़ी है.
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि ‘‘न्यू डेवलपमेंट बैंक‘‘ की सदस्यता में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां हमारे आपसी सहयोग से हमारे नागरिकों के जीवन को सीधा लाभ मिल रहा है.’’ इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने टीकों को लेकर शोध एवं विकास केंद्र की स्थापना, सीमा शुल्क विभागों के बीच समन्वय, साझा ‘सेटेलाइट कंसल्टेशन’ की व्यवस्था और फार्मा उत्पादों का पारंपरिक नियमितीकरण जैसे कदमों का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के व्यवहारिक कदम ब्रिक्स को एक अनूठा अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाते हैं, जिसका फोकस सिर्फ बातचीत तक सीमित नहीं है. ब्रिक्स युवा सम्मेलन, ब्रिक्स खेल और हमारे सिविल सोसायटी संगठनों और ंिथक टैंक के बीच संपर्क बढ़ाकर हमने अपने लोगों के बीच संपर्क भी मजबूत किया है.’’ प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि आज की चर्चा से ब्रिक्स देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के कई सुझाव सामने आएंगे.
चीन इस साल ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. चीन के राष्ट्रपति शी चिनंिफग ने इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की. सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए. इस शिखर सम्मेलन का विषय ‘‘उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा देना, वैश्विक विकास के लिए एक नए युग की शुरुआत’’ है.