नारायणपुर में 28 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

नारायणपुर/भोपाल. छत्तीसग­ढ़ के नारायणपुर जिले में 89 लाख रुपये के इनामी 22 नक्सलियों समेत कुल 28 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में 28 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें से तीन नक्सलियों ने अपने पास रखे तीन हथियार एसएलआर, इंसास और .303 राइफल को भी सुरक्षाबलों को सौंप दिया. उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में 19 महिला नक्सली भी शामिल हैं.

अधिकारियों ने बताया कि आज जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है उनमें डिविजनल कमेटी के सदस्य पंडी ध्रुव उर्फ दिनेश (33), पूर्व बस्तर डिवीजन की कंपनी नंबर छह की सदस्य दुले मंडावी (26), छत्तीस पोयाम (18) और पदनी ओयाम (30) के सिर पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम है. वहीं एरिया कमेटी सदस्य लखमू उसेंडी (20), लिमि उर्फ सुखमती नुरेटी (25), मासे उर्फ सकीला कश्यप (35), शामबत्ती शोरी (35), चौते उर्फ रजिता पद्दा (30) और बुधरा रवा (28) के सिर पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम है.

उन्होंने बताया कि चार नक्सलियों पर तीन-तीन लाख रुपये, दो नक्सलियों पर दो-दो लाख रुपये तथा छह नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम है. इसके साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले तीन नक्सलियों द्वारा जमा किए गए तीन हथियारों के लिए कुल पांच लाख रुपये का इनाम है.

अधिकारियों ने बताया कि यह राज्य शासन का ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल के तहत स्थायी शांति और सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है. यह पुनर्वास नारायणपुर के स्थानीय समाज, प्रशासन, पुलिस और सुरक्षाबलों के सतत, समन्वित तथा दृ­ढ़ प्रयासों का परिणाम है. नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुड़िया ने बताया कि आज की कार्रवाई के साथ इस वर्ष जिले में कुल 287 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ”नारायणपुर जिले में 28 माओवादी कैडर का पुनर्वास यह दर्शाता है कि हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का अंत अब निकट है. लोग ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल पर भरोसा जताते हुए शांति, गरिमा और स्थायी प्रगति का मार्ग चुन रहे हैं.” सुंदरराज ने बताया कि छत्तीसग­ढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे ब­ढ़ाने के लिए पूर्णत? प्रतिबद्ध हैं.

उल्लेखनीय है कि पिछले 50 दिनों में बस्तर क्षेत्र में 512 से अधिक नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, ”शेष माओवादी कैडर (जिनमें पोलित ब्यूरो के सदस्य देवजी, केंद्रीय समिति के सदस्य रामदर, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य पाप्पा राव, बारसे देवा तथा तथा अन्य शामिल हैं) के पास हिंसा त्याग कर मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है.”

नक्सल रोधी अभियान में मारे गए पुलिसकर्मी के परिवार को मप्र सरकार एक करोड़ रुपये देगी

मध्यप्रदेश सरकार ने छत्तीसग­ढ़ में पिछले सप्ताह नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए राज्य पुलिस के निरीक्षक आशीष शर्मा के परिवार को मंगलवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. शर्मा मध्यप्रदेश की नक्सल रोधी इकाई ‘हॉक फोर्स’ के सदस्य थे और नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में तैनात थे.

एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने उनके छोटे भाई अंकित को अनुकंपा के आधार पर जिला पुलिस बल में उपनिरीक्षक नियुक्त करने का भी फैसला किया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसग­ढ़ में नक्सल रोधी अभियान के दौरान 19 नवंबर को शहीद हुए निरीक्षक (विशेष सशस्त्र बल) शर्मा के परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी गई.

शर्मा एक प्रतिभाशाली और साहसी पुलिस अधिकारी थे, जिन्हें दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किया गया था. शहीद पुलिस निरीक्षक को 2021 में मुख्यमंत्री द्वारा आंतरिक सेवा पदक और 2023 में दुर्गम (दुर्गा) सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया था. अधिकारी ने कहा कि उन्हें 2023 में राज्य सरकार द्वारा कर्तव्य के दौरान अनुकरणीय साहस और बहादुरी दिखाने के लिए ‘आउट-ऑफ-टर्न’ पदोन्नति दी गई थी.

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