
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति चुनाव में गठबंधन का उम्मीदवार चुनने के लिए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा को अधिकृत किया. केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने यह जानकारी दी. इससे पहले दिन में, निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नौ सितंबर को होने वाले चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी और इसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत हो गई. अधिसूचना के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है और दस्तावेजों की जांच 22 अगस्त को की जाएगी. नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 25 अगस्त है.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि गठबंधन के नेताओं ने अपने उम्मीदवार पर निर्णय लेने के लिए मोदी और नड्डा, जो क्रमश: लोकसभा और राज्यसभा में सदन के नेता हैं, को अधिकृत करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया. संसद के दोनों सदनों के सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल में राजग के पास पर्याप्त बहुमत होने के कारण, गठबंधन उम्मीदवार का संवैधानिक पद पर चुनाव होना लगभग तय है. रीजीजू ने कहा कि संभावित विकल्पों पर कोई चर्चा नहीं हुई.
यह पूछे जाने पर कि क्या सत्तारूढ़ गठबंधन अगले उपराष्ट्रपति पर आम सहमति बनाने के लिए विपक्ष से संपर्क करेगा, केंद्रीय मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल मोदी और नड्डा को गठबंधन का उम्मीदवार तय करने के लिए अधिकृत किया गया है. उन्होंने कहा, ”कुछ परंपराएं होती हैं. अगर विपक्षी दल आकर हमसे चर्चा करते हैं, तो हम हमेशा उनसे चर्चा करेंगे.” संसद परिसर में भाजपा के प्रमुख नेताओं और उनके गठबंधन सहयोगियों की एक बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया.
बैठक में नड्डा के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह, जनता दल (यूनाइटेड) के ललन सिंह, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, तेदेपा के एल. श्रीकृष्ण देवरायलु और लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान भी शामिल हुए. राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की. अन्नाद्रमुक और कई अन्य छोटी पार्टियों के नेताओं के अलावा अनुप्रिया पटेल और उपेंद्र कुशवाहा जैसे भाजपा सहयोगी भी इस बैठक का हिस्सा थे.
कुल 788 सदस्यों की अधिकतम संख्या के मुकाबले, दोनों सदनों की प्रभावी संख्या 781 है, क्योंकि निचले सदन में एक और उच्च सदन में छह रिक्तियां हैं. सत्तारूढ़ राजग के सदस्यों की संख्या लगभग 422 है, जो बहुमत के 391 के आंकड़े से काफी अधिक है. जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने के बाद 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद रिक्त हो गया था. धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 में समाप्त होना था.



