आईएमएफ को पूंजी-संपन्न बनाए रखने की जरूरत: सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से पूंजी-संपन्न बनाए रखने की जरूरत है. सीतारमण ने आईएमएफ की नीतिगत प्राथमिकताओं एवं इसकी सदस्यता विषय पर आयोजित एक गोलमेज चर्चा में शिरकत करते हुए यह बात कही. इस गोलमेज बैठक की मेजबानी मोरक्को के मराकेश में विश्व बैंक-आईएमएफ की वार्षिक बैठक के मौके पर अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने की थी.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में इस बैठक का ब्योरा देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने आईएमएफ के उद्देश्य और कर्ज नीतियों के अलावा इसे एक सशक्त, कोटा-आधारित और समुचित संसाधन वाला संगठन बनाने की बात कही. उन्होंने गरीबी ह्रास एवं विकास ट्रस्ट (पीआरजीटी) के वित्तपोषण और आईएमएफ के कामकाजी सुधारों के बारे में भी चर्चा की.

सीतारमण ने वैश्विक चुनौतियों के लिए समन्वित और सर्वसम्मति पर आधारित समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए बहुपक्षवाद के महत्व पर भी प्रकाश डाला. इस क्रम में उन्होंने भारत की अध्यक्षता में जी20 समूह की प्राथमिकताओं का भी जिक्र किया.
वित्त मंत्री ने कहा कि सदस्यता की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मुद्राकोष का खास ध्यान वृहद-आर्थिक निगरानी और नीतिगत मार्गदर्शन पर होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया के गतिरोधों को दूर करने और कर्ज संबंधी मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने में आईएमएफ की भूमिका अहम है. सीतारमण ने आईएमएफ को वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेटवर्क के केंद्र में बने रहने के लिए कोटा-आधारित संसाधनों के माध्यम से अच्छी तरह से पूंजीकृत रहने की अहमियत पर भी जोर दिया.

उन्होंने आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड में लैंगिग और कामकाज संबंधी सुधारों को भारत का समर्थन देते हुए कहा कि भारत ने हाल ही में महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पारित किया है. बयान के अनुसार, सीतारमण ने अंतर-अमेरिकी विकास बैंक (आईडीबी) के अध्यक्ष इलान गोल्डफैजन से भी मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच मौजूदा विकास चुनौतियों एवं अवसरों पर चर्चा हुई.

घरेलू संसाधन जुटाने पर जी-20 एजेंडा को बढ़ाने के लिए आईएमएफ के साथ जुड़ने के इच्छुक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को घरेलू संसाधन जुटाने को विकासशील देशों के साथ काम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के साथ जुड़ने की भारत की इच्छा व्यक्त की. इसको लेकर जी-20 सम्मेलन में भी एजेंडा लाया गया था. पिछले महीने जी20 नयी दिल्ली नेताओं के घोषणापत्र में आईएमएफ और विश्व बैंक से अन्य प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ समन्वय में ‘उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं’ (ईएमडीई) में घरेलू संसाधन जुटाने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया गया था.

मोरक्को के मराकेश में आईएमएफ-विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के मौके पर आईएमएफ की प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टालिना जॉर्जिवा के साथ बैठक के दौरान सीतारमण ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 के दौरान समर्थन के लिए आईएमएफ का आभार जताया. इसमें डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) से संबंधित कार्य और तकनीक-संचालित आर्थिक वृद्धि और उत्पादकता लाभ को बढ़ावा देना शामिल था.

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सीतारमण ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए नीतिगत कार्य और जी-20 देशों के भीतर और बाहर वैश्विक समन्वय के लिए संबंधित जी-20 योजना के संबंध में आईएमएफ की भूमिका की भी सराहना की. सीतारमण ने जी-20 से संबंधित कार्यों के भीतर और बाहर 2024 में आईएमएफ के एजेंडा का समर्थन करने के लिए भारत की तत्परता से भी अवगत कराया. जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की चौथी बैठक से इतर क्षमता निर्माण और दो-स्तंभ समाधान पर उच्चस्तरीय चर्चा आयोजित की गई.

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