नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा नेपाली कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के नेता चुने गए

काठमांडू. प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा नयी सरकार में प्रधानमंत्री पद के लिए नेपाली कांग्रेस पार्टी की ओर से उम्मीदवार होंगे. बुधवार को उन्हें नेपाली कांग्रेस के संसदीय दल का नेता निर्वाचित किया गया जिससे पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का उनका रास्ता साफ हो गया.

अधिकारियों ने बताया कि रिकॉर्ड पांचवीं बार के प्रधानमंत्री देउ­बा (76) ने पार्टी के संसदीय दल के नेता के चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं पार्टी महासचिव गगन कुमार थापा को 39 मतों से हराया. उनके मुताबिक, मतदान में नेपाली कांग्रेस के सभी 89 सांसदों ने हिस्सा लिया. इसमें 76 वर्षीय देउबा को जहां 64 वोट मिले, वहीं 45 वर्षीय थापा को महज 25 मत हासिल हुए.

संसदीय दल के नेता पद के चुनाव में जीत का मतलब है कि 20 नवंबर के आम चुनाव में नेपाली कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद देउबा संभवत: अगली सरकार का नेतृत्व करेंगे. प्रधानमंत्री देउबा ने उन्हें संसदीय दल का नेता बनाने के लिए सांसदों को धन्यवाद दिया और कहा कि वह व्यवधानों से मुक्त पार्टी बनाने का काम करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘ सभी ने मुझे जीतने में मदद की. आपको बहुत बहुत धन्यवाद. आने वाले दिनों में मैं इस पार्टी को अच्छी तरह आगे बढ़ाकर उसे व्यवधानों से मुक्त रखूंगा.’’ थापा संसदीय दल के नेता के चुनाव में देउबा के एकमात्र प्रतिद्वंद्वी थे. दोनों उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया था.

नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल ने देउबा के नाम का प्रस्ताव किया था, जिसका पार्टी के एक अन्य नेता पूर्ण बहादुर खड़का ने समर्थन किया. डॉ. शेखर कोइराला ने थापा के नाम का प्रस्ताव किया था, जिसका विश्व प्रकाश शर्मा, प्रदीप पौडेल और धनराज गुरुंग ने समर्थन किया था. ‘माई रिपब्लिका’ अखबार के मुताबिक, मतदान केंद्र में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं, इस पर असहमति के कारण बुधवार को चुनाव में लगभग एक घंटे की देरी हुई.

अखबार के अनुसार, नेपाली कांग्रेस के सांसदों को अपने निर्वाचन प्रमाणपत्र के साथ मतदान स्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया था.
नेपाली कांग्रेस इस हिमालयी देश की एकमात्र पार्टी है, जो संसदीय दल के नेता के लिए चुनाव कराती है. हाल के इस आम चुनाव में नेपाली कांग्रेस ने प्रतिनिधि सभा की 89 सीट पर जीत दर्ज की थी. इनमें से 57 सीट पार्टी को प्रत्यक्ष मतदान और 32 सीट आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव प्रणाली के जरिये हासिल हुई थीं.

रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सभी राजनीतिक दलों को सात दिनों में नयी सरकार के गठन के लिए कहा था. चूंकि किसी भी एक दल को प्रतिनिधि सभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला है, इसलिए राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा के किसी एक ऐसे सदस्य को दावा पेश करने को कहा है जो दो या उससे अधिक दलों के समर्थन से बहुमत हासिल कर सके, जैसा कि संविधान के उपबंध दो के अनुच्छेद 76 में व्यवस्था दी गयी है.

राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार यह दावा पेश करने की समय समय 25 दिसंबर शाम पांच बजे है. नेपाली कांग्रेस के पास उसके सहयोगी दलों को मिलाकर प्रतिनिधि सभा में कुल 136 सदस्य हैं जो सरकार गठन के लिए जरूरी बहुमत से दो सीट कम है. खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री देउबा ने पिछले हफ्ते गठबंधन के साझेदार पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ सत्ता साझेदारी पर चर्चा की थी.

खबरों के अनुसार शनिवार को देउबा के साथ भेंट के दौरान प्रचंड ने पांच साल के कार्यकाल के शुरुआती ढाई सालों में प्रधानमंत्री बनने के लिए औपचारिक रूप से उनका समर्थन मांगा था. बीस नवंबर के चुनाव से पहले चुनावी गठजोड़ करते हुए देउबा और प्रचंड ने बारी-बारी से सरकार की अगुवाई करने का कथित रूप से समझौता किया था.

वैसे चुनाव से काफी पहले से ही सार्वजनिक मंचों पर प्रचंड खुद को कार्यकारी प्रमुख के दावेदार के रूप में पेश कर रहे हैं. इस बीच, संसदीय सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधि सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह 22 दिसंबर को होगा.

उल्लेखनीय है कि 275-सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्यों का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये किया गया था, जबकि शेष 110 सदस्य आनुपातिक निर्वाचन प्रणाली के माध्यम से चुने गए थे. हिमालयी देश में लंबे समय से जारी राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करने के लिए प्रतिनिधि सभा और सात प्रांतीय विधानसभाओं के लिए हाल ही में चुनाव कराए गए थे.

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