भारत के विकास का गवाह बनेगा नया संसद भवन : उपराष्ट्रपति धनखड़

नयी दिल्ली. उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि नया संसद भवन राजनीतिक सहमति कायम करने में मदद करेगा और गुलामी की मानसिकता से आजादी का प्रतीक बनेगा. नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर अपने संदेश में उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि यह भारत के लोगों की आकांक्षाओं का समाधान ढूंढ.ेगा. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम में धनखड़ का संदेश पढ.कर सुनाया. धनखड़ ने कहा कि नया भवन भारत की प्रगति का गवाह बनेगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह यहां नए संसद भवन का उद्घाटन किया. उपराष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, ”मुझे विश्वास है कि इस अमृत काल में बना नया संसद भवन भविष्य में भी हमारी तीव्र प्रगति का साक्षी बनेगा. आत्मनिर्भर भारत बनाने से लेकर लोगों की सभी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने और देशवासियों को सशक्त बनाने से लेकर गरीबी दूर करने तक, यह गौरवशाली इमारत आने वाले दशकों में कई ऐतिहासिक पलों का अध्याय लिखेगी.” धनखड़ ने कहा कि कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियां भवन निर्माण में शामिल मेहनती एवं प्रतिबद्ध र्किमयों के अटूट संकल्प को रोकने में विफल रहीं.

उन्होंने संसद को ‘लोकतंत्र का मंदिर’ बताते हुए कहा कि यह वर्तमान और भावी पीढि.यों की आकांक्षाओं की पूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा सनातन परंपराओं और महान लोकतांत्रिक मानकों के संरक्षक के रूप में भी कार्य करती है. उपराष्ट्रपति ने कहा, ”मेरा दृढ. विश्वास है कि नया संसद भवन यह सुनिश्चित करेगा कि देश के हाशिए पर पड़े वर्गों को विशेष वरीयता देते हुए नीतियों और विधानों के माध्यम से सभी नागरिकों की जरूरतों एवं आकांक्षाओं को पूरा किया जाए. इस तरह भारत की बुनियादी प्रतिबद्धता और मजबूत होगी.” धनखड़ ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि देश की आजादी के बाद जन्म लेने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस शानदार इमारत को राष्ट्र को सर्मिपत कर रहे हैं.

नए संसद भवन में नए संकल्प के साथ प्रवेश करें सांसद: लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद रविवार को सांसदों का आह्वान किया कि वे नए भवन में नए संकल्प के साथ प्रवेश करें तथा संसदीय अनुशासन, मर्यादा और गरिमा के नए मापदंड स्थापित करें। उन्होंने नए संसद भवन के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया।.

नया संसद भवन भारत के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक है: राज्यसभा के उपसभापति

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन को ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि यह इमारत केवल ईंट और पत्थर का ढांचा नहीं है, बल्कि यह भारत के लोगों की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं को पूरा करने का जरिया है. हरिवंश ने नए संसद भवन को ‘भारतीय लोकतंत्र का श्रद्धा स्थल’ बताते हुए वहां मौजूद लोगों का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि नए भवन में कई अहम फैसले किए जाएंगे.

हरिवंश ने अपने स्वागत संबोधन में कहा, ‘‘यह भवन केवल ईंट और पत्थर का ढांचा नहीं है, बल्कि देश की सर्वोच्च निर्वाचित संस्था के तौर पर भारत के लोगों की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह इमारत ‘वास्तुकला’ का सटीक उदाहरण है, जिसमें सांस्कृतिक विरासत और विविधता की झलक दिखती है. यह संसद की आवश्यकताओं के अनुसार सुंदरता एवं प्रौद्योगिकी का भी मिश्रण है.’’ हरिवंश ने कहा कि नयी इमारत में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के लिए बैठने का अपेक्षाकृत अधिक स्थान है, एक एकीकृत मल्टी-मीडिया प्रदर्शन सुविधा है और सुरक्षित मतदान के लिए सुविधाएं हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा में आज का दिन मील का पत्थर है. अगले 25 साल में जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएंगे तो यह नया संसद भवन अमृत काल में जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणा स्रोत साबित होगा.’’ हरिवंश ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हमारी संसद हमारे देश के सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिए कई फैसले लेगी..वह दिन दूर नहीं जब भारत लोकतांत्रिक देशों में शीर्ष पर होगा और पूरी दुनिया का नेतृत्व करेगा.’’

उन्होंने अपने नेतृत्व के जरिए सभी भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को आकार देने और ढाई साल में नए संसद भवन का निर्माण कराने में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया. हरिवंश ने कहा, ‘‘हम सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभारी हैं जिन्होंने भारत की आजादी के अमृत काल में अपने कुशल नेतृत्व और असाधारण प्रयासों से स्वतंत्र भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप नए संसद भवन के विचार को आकार दिया. इसके लिए मैं भारत की जनता और अपनी ओर से उन्हें धन्यवाद देता हूं.’’

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