पुंछ में वायुसेना के काफिले पर आतंकी हमला मामले में कोई सुराग नहीं, तलाशी अभियान तेज

जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के कॉर्पोरल का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जम्मू/छिंदवाड़ा. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में वायुसेना के काफिले पर हुए आतंकवादी हमला मामले में सुरक्षा बलों को कोई सफलता नहीं मिली है, वहीं जिले के विस्तृत इलाके में व्यापक तलाशी अभियान सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. हमले के संबंध में बीस से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. सुरक्षा बल उन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सुराग जुटा रहे हैं जो शनिवार शाम सुरनकोट इलाके में शाहसितार के पास घात लगाकर हमले के बाद पास के घने जंगलों में फरार हो गए थे. हमले में वायुसेना के पांच कर्मी घायल हो गए और उनमें से एक ने बाद में एक सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया.

अधिकारियों ने बताया कि शाहसितार, गुरसाई, सनाई, लसाना और शीनदारा टॉप समेत कई इलाकों में तीसरे दिन भी सेना और पुलिस का व्यापक संयुक्त तलाशी अभियान जारी है, लेकिन अभी तक आतंकवादियों का कोई पता नहीं चला है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां सुराग इकट्ठा कर रही हैं जिससे अंतत: आतंकवादियों को मार गिराने में मदद मिलेगी. अधिकारियों ने कहा कि रविवार को छुट्टी के बाद क्षेत्र के सभी स्कूल सोमवार सुबह नियमित रूप से खुले.

इस बीच, सुरक्षा बलों ने तीन संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद निकटवर्ती राजौरी जिले के डलहोरी इलाके के कैथू गांव में भी घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. मुख्य सड़कों पर कई जांच चौकियां स्थापित की गई हैं और पुंछ और राजौरी दोनों जिलों में वाहन जांच तेज कर दी गई है. यह क्षेत्र अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट का हिस्सा है जहां 25 मई को मतदान होना है. पिछले दो वर्षों में पुंछ और राजौरी में बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं, जो इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के फिर से पैर पसारने का संकेत है. पूर्व में यह क्षेत्र आतंकवाद से मुक्त हो गया था और 2003 और 2021 के बीच हालात शांतिपूर्ण थे.

जम्मू-कश्मीर में बलिदान हुए भारतीय वायुसेना के कॉर्पोरल का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जम्मू-कश्मीर में चार मई को आतंकी हमले में बलिदान हुए भारतीय वायु सेना के कॉर्पोरल विक्की पहाड़े को सोमवार को उनके गृहनगर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. शनिवार शाम पुंछ जिले के शाहसितार के पास भारतीय वायु सेना के काफिले पर आतंकवादियों के हमले में घायल हुए पांच र्किमयों में पहाड़े शामिल थे. बाद में एक सैन्य अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया था.

उनका पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से छिंदवाड़ा लाया गया जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. पहाड़े के पांच वर्षीय बेटे हार्दिक ने अपनी तीन बुआओं तथा भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और जिला अधिकारियों की उपस्थिति में चिता को मुखाग्नि दी. इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव सुबह छिंदवाड़ा पहुंचे और उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की.

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, “देश को अपने रक्षा बलों पर गर्व है. यह क्षति अपूरणीय है. राज्य सरकार बलिदानी के परिवार का ख्याल रखेगी. उनके सम्मान में ‘स्मृति द्वार’ और वार्ड के नामकरण संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी जायेगी.” उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण राज्य सरकार चुनाव आयोग को मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव भेजेगी ताकि बलिदान के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता दी जा सके.

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