गठबंधन की सरकार को अब दबाव में ही सही जन केंद्रित फैसले लेने होंगे : राजद

जब नीतीश की बदौलत केंद्र में सरकार तो बिहार को विशेष राज्य के दर्जे में देरी क्यों: राजद

नयी दिल्ली. सरकार पर जनता की अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल ने कहा कि गठबंधन की सरकार को अब दबाव में ही सही जन केंद्रित फैसले लेने होंगे जबकि बीआरएस ने दल-बदल के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की मांग की.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा ले रहे राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि युवाओं को देश का भविष्य कहा जाता है लेकिन उनकी बेरोजगारी की ओर सरकार का ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि न तो देश की शिक्षा प्रणाली पर अब युवाओं को भरोसा है और न ही उन्हें नौकरी मिल पाने की उम्मीद है.

उन्होंने जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा होने पर वंचितों को उनका अधिकार मिल सकेगा. उन्होंने मांग की जातिगत जनगणना के आधार पर आरक्षण का आधार बढ़ा कर उसे नौवीं अनुसूची में डाला जाए. झा ने कहा कि आय की असमानता इस देश की तरक्की को निगल रही है.

उन्होंने कहा ”अब केंद्र में गठबंधन की सरकार है और उसे गठबंधन के दबाव में जन केंद्रित नीतियां लानी होंगी. सरकार को सेना में अल्पकालिक भर्ती की अग्निवीर योजना पर पुन:विचार करना होगा.” उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा माहौल देश में बना दिया गया है जिसमें सरकार की आलोचना को देश की आलोचना कहा जाता है. उन्होंने कहा कि आज से वे तीन आपराधिक कानून लागू हुए हैं जिन्हें संसद में विपक्ष के साथ चर्चा कराए बिना पारित किया गया था. झा ने मांग की इन कानूनों का कार्यान्वयन पर रोक लगा कर, इन पर संसद में गहन चर्चा की जानी चाहिए.

उन्होंने तंज किया कि रक्षा मंत्री की जबरदस्त वापसी हुई है क्योंकि हर बात के लिए इन दिनों रक्षा मंत्री को आगे किया जा रहा है.
बीआरएस सदस्य के आर सुरेश रेड्डी ने कहा कि अति आत्मविश्वास का नतीजा है कि सरकार अब अपनी मर्जी से फैसले नहीं ले सकेगी और उसे गठबंधन के सहयोगियों की बात सुननी होगी. उन्होंने कहा ”आपको वादे पूरे करने होंगे अन्यथा झलक आपके सामने आ ही चुकी है.”

रेड्डी ने कहा कि संविधान पर बार बार हमले हुए हैं. ”यहां तक कि आज भी हमले हो रहे हैं और दल-बदल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. जन प्रतिनिधि संविधान की शपथ लेते हैं और दल-बदल होते देर नहीं लगती. कई राज्य इसका उदाहरण हैं और इस पर ध्यान देना चाहिए.” उन्होंने कहा कि मणिपुर, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, गोवा… कई राज्यों में दल-बदल हुआ है और इस संबंध में संसदीय समितियों की सिफारिशों की अनदेखी कर दी गई. उन्होंने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं के निपटारे में लंबा समय लग जाता है. बीआरएस सदस्य ने कांग्रेस पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने सत्ता में रहते हुए जो कहा, सत्ता से हटने पर बिल्कुल उससे उलट कहा.

उन्होंने कहा कि अगर हमें दुनिया में विश्व गुरू बनना है तो हम पहले संवैधानिक संस्थानों में विश्व गुरू क्यों नहीं बनते? ”हम अपने संस्थानों को कमजोर क्यों करते हैं? सांसदों के कामकाज की निश्चित अवधि में समीक्षा की जानी चाहिए. वे जन प्रतिनिधि हैं और उनकी जिम्मेदारी अधिक होती है. साथ ही संसदीय समितियों की सिफारिशों को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए.” रेड्डी ने कहा कि हर श्रेणी में, चाहे वे निराश्रित महिलाएं हों, अकेली मां हों, दलित हों, तेलंगाना में उन्हें पेंशन दी गई है और यह राज्य पूरे देश के लिए आदर्श होना चाहिए.

भाजपा के अजीत माधवराव गोपचड़े ने कहा कि आज विश्व चिकित्सक दिवस है और कोविड काल में डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचाई थी. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का टीका भारत में विकसित किया गया और दूसरे देशों को भी दिया गया. उन्होंने कहा कि विपक्षी साथियों ने इस टीके के बहिष्कार की बात की लेकिन बाद में सबने चुपचाप टीके लगवा लिए.
गोपचड़े ने कहा कि अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ 70 साल के बुजुर्गों को भी मिलेगा, यह अत्यंत सराहनीय कदम है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के डॉ जॉन ब्रिटास ने कहा कि अल्पसंख्यकों के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनाव के दौरान जो टिप्पणियां की, उससे उस शपथ का उल्लंघन हुआ जो उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के समय ली थी. उन्होंने कहा कि भाजपा को अपना चुनाव चिह्न कमल से बदल कर बुलडोजर कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भाजपा को उसकी असलियत बता दी है, वह अयोध्या में भी नहीं जीत सकी. उन्होंने कहा कि भाजपा पाठ्यक्रम भी बदल सकती है. उन्होंने कहा, ”भविष्य में यह भी पढ़ाया जा सकता है कि महात्मा गांधी का निधन फ्लू के कारण हुआ था.” सभापति जगदीप धनखड़ ने ब्रिटास की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें कल्पना के आधार पर कुछ नहीं कहना चाहिए. असम गण परिषद के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने कहा कि पिछले दस साल देश में आर्थिक विकास और स्थिरता के रहे हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भारत विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी है.

जब नीतीश की बदौलत केंद्र में सरकार तो बिहार को विशेष राज्य के दर्जे में देरी क्यों: राजद

राष्ट्रीय जनता दल ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नीतीश कुमार की बदौलत चल रही है तो फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में देरी क्यों हो रही है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राजद सांसद अभय कुमार सिन्हा ने यह भी कहा कि बिहार को जल्द विशेष राज्य का दर्जा देकर विशेष पैकेज दिया जाए.

उन्होंने कहा, ”हमारे मुख्यमंत्री की यह बहुत पुरानी मांग है…अब देर किस बात की है. अब तो आपकी (नीतीश) बदौलत सरकार है. विशेष राज्य के दर्जे में देर किस बात की है.” सिन्हा ने कहा कि अभिभाषण में बिहार का कोई उल्लेख नहीं था, जबकि बिहार की बैसाखी के सहारे यह सरकार चल रही है.

उनका कहना था कि बिहार में 17 महीने महागठबंधन की सरकार चली तो साढ.े पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई.
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाना चाहिए.
भाजपा के संबित पात्रा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी (सत्तापक्ष के लिए) ‘असेट’ (पूंजी) हैं. उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने सदन में बोला कि जो अपने आपको हिंदू कहते हैं वो हिंसक हैं.

पात्रा ने कहा, ”मैं हिंदू हूं, मैं हिंसक नहीं हूं.” आईयूएमएल के नेता ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि नीट मामले का समाधान होना चाहिए, लेकिन परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करना उचित नहीं है. आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हायर ने पुरानी पेंशन योजना को पूरे देश में लागू किये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फर्जी मामलों में फंसाया गया है.

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