विपक्ष ने लगाया सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने का आरोप, ‘भारत बना सबसे तेजी से बढ़ता देश’-BJP

नयी दिल्ली. विपक्षी दलों के सदस्यों ने मध्यम एवं छोटे उद्योगों की मदद से जुड़ी सरकार की नीति पर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि सरकार को सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने में हिचक नहीं है. दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के सबसे तेजी से विकास करते देशों में शामिल हो गया है.

लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के एंटो एंटनी ने कहा कि सरकार निर्यात के लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित करती है, लेकिन उसको पूरा करने के लिए जरूरी कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चाय, कॉफी, मसाले की पैदावार करने वाले किसानों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

एंटनी के अनुसार, रबर अधिनियम के स्थान पर दूसरा अधिनियम लाने के पीछे रबर बोर्ड को कमजोर करने की मंशा लगती है.
उन्होंने कहा, ‘‘ चाय, कॉफी और मसालों की खेती करने वाले किसान मुश्किल का सामना कर रहे हैं. उत्पादन की लागत बढ़ गई है, लेकिन फसल की पूरी कीमत नहीं मिल पा रही है.’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्राकृतिक रबर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएं…सरकार से आग्रह है कि प्राकृतिक रबर के आयात को सीमित किया जाए.’’ चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के शिवकुमार उदासी ने कहा कि संप्रग सरकार में नीतिगत पंगुता थी जिसका असर निर्यात पर पड़ता था, लेकिन इस सरकार में आर्थिक सुधार किए गए जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखाई दे रहा है.

उन्होंने कहा कि पहले लाइसेंस राज था, लेकिन अब कारोबारी सुगमता के मामले में देश ने लंबी छलांग लगाई है. उदासी ने कहा कि आज ‘यूनीकॉर्न’ (एक अरब डॉलर की कंपनी) की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है. उनके मुताबिक, सरकार का बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाना दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. भाजपा सांसद ने कहा कि सरकार के कदमों के चलते भारत धीमी गति से विकास करती अर्थव्यवस्था से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया.

उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते स्टार्टअप की संस्कृति बढ़ रही है. उदासी ने केंद्र सरकार के कई कदमों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक नेता वो होता है जो अगले पांच साल के लिए ंिचतित रहता है, लेकिन जो दूरदर्शी नेता होता है वो अगली पीढ़ी के लिए सोचता है…प्रधानमंत्री मोदी सामाजिक, राजनीति, सांस्कृतिक और आर्थिक वैज्ञानिक हैं. वह देश की आकांक्षाओं की ंिचता करते हैं.’’ तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को उद्योग क्षेत्र की कोई ंिचता नहीं है.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) को लेकर पश्चिम बंगाल के हाल पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आपूर्ति की वैश्विक श्रृंखला में अवरोध पैदा हुआ है, जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.
बंदोपाध्याय ने कहा कि जो हालात हैं वो विकसित देशों और विकासशील देशों के लिए बहुत मुश्किल नजर आते हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकारी क्षेत्र के उद्योगों की हालत बहुत खराब है. यह सरकार सरकारी कंपनियों को बेचने में बिल्कुल नहीं हिचक रही है. उद्योग क्षेत्र पर निजी क्षेत्र के लोगों का नियंत्रण हो रहा है.’’ तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि सरकार औद्योगिक ढांचे को क्या दिशा देना चाहती है? बड़े, मध्यम और छोटे उद्योगों को स्थापित किए बिना और उन्हें सहयोग दिए बिना रोजगार का सृजन नहीं हो सकता.’’ उन्होंने कहा कि सरकार को छोटी, मझोली और बड़ी इकाइयों की मदद करनी चाहिए.

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