हमारी प्राथमिकता सिर्फ विकास, ना कि वोट बैंक की राजनीति: कर्नाटक में मोदी

यादगिर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों की प्राथमिकता केवल विकास है जबकि कर्नाटक में शासन कर चुके दूसरे दलों की ‘वोट बैंक’ की राजनीति के कारण दक्षिण के इस राज्य के कुछ क्षेत्र पिछड़ेपन के शिकार हो गए.

यहां के पास कोडेकल में सिंचाई, पेयजल और राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने ‘डबल इंजन’ सरकार होने के फायदे भी गिनाए और कहा कि इससे ‘दोगुना कल्याण और दोगुना विकास’ होता है. केंद्र के साथ-साथ राज्यों में भी भाजपा की सरकार बने, इसके लिए ‘डबल इंजन’ की सरकार भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है. कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

सत्तारूढ़ भाजपा कर्नाटक में मई में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है और उसने कुल 224 में से कम से कम 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में प्रधानमंत्री का डबल इंजन सरकार पर जोर देने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश अगले 25 वर्षों के नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए आगे बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह 25 साल देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अमृत काल है. प्रत्येक राज्य के लिए अमृत काल है. अमृत काल में हमें विकसित भारत का निर्माण करना है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत विकसित तब हो सकता है जब देश का हर नागरिक, हर परिवार, हर राज्य इस अभियान से जुड़े. भारत विकसित तब हो सकता है, जब खेत में काम करने वाला किसान हो या फिर उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक, सभी का जीवन बेहतर हो.’’ आजादी के 75वें वर्ष से लेकर 100वें वर्ष तक के सफर को प्रधानमंत्री अक्सर अमृत काल कह कर पुकारते हैं. पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर इसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस कालखंड में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आ’’ान किया था. कर्नाटक में मोदी का इस महीने इस प्रकार का यह दूसरा दौरा है. इससे पहले वह राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन के लिए हुब्बल्लि आए थे और उन्होंने इस दौरान एक रोड शो भी किया था.

मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने यादगिर और उत्तरी कर्नाटक के आसपास के इलाकों को पिछड़ा घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था लेकिन उनकी सरकार ने यादगिर सहित देश के 100 से अधिक जिलों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरू किया.
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के विकास में पिछड़ने का कारण यह है कि यहां की पिछली सरकारों ने पिछड़ेपन से छुटकारा दिलाने की सोची ही नहीं. इसके (विकास) प्रति प्रयास करना तो दूर की बात है. जब बिजली, सड़क और पानी के बुनियादी ढांचे में निवेश करने का समय था, तब सत्ता में रहने वाली पार्टियों ने वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी.’’ किसी पार्टी या सरकार का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हर परियोजना और कार्यक्रमों को एक चश्मे से देखा गया कि कैसे एक विशेष समुदाय के वोटों को सिर्फ एक मजबूत वोट बैंक में परिर्वितत किया जाए तथा इसका सबसे बड़ा नुकसान कर्नाटक और इस क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ा.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन जिलों में सुशासन पर बल दिया है. विकास के पैमाने पर काम शुरू किया है. जिन जिलों को पहले की सरकारों ने पिछड़ा घोषित किया, उन जिलों में हमने विकास की आकांक्षा को प्रोत्साहित किया. पूर्ववर्ती सरकारों की प्राथमिकता वोट बैंक की राजनीति थी लेकिन हमारी प्राथमिकता विकास है.’’ यादगिर ‘कल्याण कर्नाटक’ या हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. ये जिले हैदराबाद के निजाम के पूर्ववर्ती शासन के अधीन थे और इनकी गिनती राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में होती हैं.

इन जिलों में बीदर, बेल्लारी, कलबुर्गी, कोप्पल, रायचूर और यादगिर शामिल हैं और इस क्षेत्र को पिछड़ेपन के कारण संविधान (अनुच्छेद 371 जे) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कई विकास योजनाओं व कार्यक्रमों का उल्लेख किया कहा कि राज्य की जनता देख सकती है कि उन्हें ‘डबल इंजन’ सरकार का कितना फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वह जब केंद्र की सत्ता में आए थे तब देश में केवल तीन करोड़ ग्रामीण मकान ऐसे थे जहां नल से जल की आपूर्ति होती थी लेकिन अब ऐसे 11 करोड़ ग्रामीण घर हैं.

‘‘हर घर नल से जल अभियान’’ को सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘डबल इंजन सरकार यानी दोगुना कल्याण, डबल इंजन सरकार यानी दोगुना विकास.’’ उन्होंने कहा कि भारत को विकसित होना है तो सीमा सुरक्षा, तटीय सुरक्षा और आतंरिक सुरक्षा की तरह जल सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों को समाप्त करना होगा.

प्रधानमंत्री ने इससे पहले सभी घरों में नल से जल की आपूर्ति के माध्यम से स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल प्रदान करने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप जल जीवन मिशन के अंतर्गत यादगिर बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति योजना की आधारशिला भी रखी. इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री भगवंत खूबा सहित कई नेता मौजूद थे.

इस योजना के तहत 117 एमएलडी का जल शोधन संयंत्र बनाया जाएगा. करीब 2,050 करोड़ रुपये लागत वाली इस परियोजना से यादगिर जिले की 700 से अधिक ग्रामीण बस्तियों और तीन कस्बों के लगभग 2.3 लाख घरों को पेयजल उपलब्ध होगा. कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने नारायणपुर लेफ्ट बैंक नहर-विस्तार नवीकरण और आधुनिकीकरण परियोजना (एनएलबीसी – ईआरएम) का भी उद्घाटन किया. दस हजार क्यूसेक की क्षमता वाली इस परियोजना से 4.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकती है और इससे कलबुर्गी, यादगिर और विजयपुर जिलों के 560 गांवों के तीन लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे. परियोजना की कुल लागत लगभग 4,700 करोड़ रुपये है.

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-150सी के 65.5 किलोमीटर खंड की आधारशिला भी रखी. छह लेन की यह सड़क परियोजना सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है. इसे बनाने में करीब 2,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि देश में दशकों तक करोड़ों छोटे किसान हर सुख-सुविधा से वंचित रहे और सरकारी नीतियों में उनका ध्यान तक नहीं रखा गया.

उन्होंने कहा, ‘‘आज यही छोटा किसान देश की कृषि नीति की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया है उनसे यादगिर, रायचूर, कलबुर्गी सहित पूरे क्षेत्र में विकास होगा और रोजगार को बल मिलेगा. प्रधानमंत्री ने उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री बोम्मई की सराहना भी की.

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