पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार को उपप्रधानमंत्री नियुक्त किया गया

इस्लामाबाद. एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार को रविवार को देश का उप-प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. कैबिनेट सचिवालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. चार्टर्ड अकाउंटेंट और अनुभवी राजनेता 73 वर्षीय डार, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी से हैं. अधिसूचना के अनुसार, यह नियुक्ति प्रधानमंत्री शरीफ द्वारा ह्लतत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक” की गई है.

यह घोषणा तब की गई जब प्रधानमंत्री शरीफ और विदेश मंत्री डार दोनों विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने के लिए सऊदी अरब में हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि डार उपप्रधानमंत्री के रूप में कौन सी विशिष्ट जिम्मेदारियां निभाएंगे, क्योंकि परंपरागत रूप से, सभी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास निहित होती हैं जो सरकार का प्रमुख होता है. दोनों परिवारों के बीच वैवाहिक संबंधों के कारण डार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का करीबी माना जाता है, क्योंकि उनका बेटा नवाज शरीफ का दामाद है.

शरीफ परिवार के करीबी सहयोगी डार पिछली दो सरकारों में वित्त मंत्री रह चुके हैं. पिछली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन सरकार में चौथी और आखिरी बार वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्हें सभी आर्थिक समस्याओं के लिए पार्टी का ‘जवाब’ माना जाता था. दशकों तक पार्टी के वित्त विशेषज्ञ होने के बावजूद, जब मार्च में प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने मंत्रिमंडल का गठन किया तो उन्हें आश्चर्यजनक रूप से विदेश मंत्री बनाया गया.

उन्हें पिछले महीने संसद के उच्च सदन सीनेट का अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना थी, लेकिन पीएमएल-एन द्वारा गठबंधन सरकार के लिए समर्थन हासिल करने के वास्ते पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ समझौता करने के बाद वह दौड़ में पिछड़ गए.

पार्टी पीपीपी को अध्यक्ष और सीनेट अध्यक्ष का पद देने पर सहमत हो गई, जिससे डार के पास सरकार में किसी अन्य भूमिका के लिए समझौता करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सर्मिथत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सर्मिथत निर्दलीय उम्मीदवारों ने 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत सीट भले ही जीतीं, लेकिन पीएमएल-एन और पीपीपी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सत्ता-साझाकरण समझौते पर सहमत हो गए और सरकार बना ली.

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