नेहरू, माउंटबेटन के निजी पत्रों के कुछ हिस्से गोपनीय बने रहेंगे: ब्रिटिश न्यायाधिकरण

लंदन. ब्रिटेन के एक न्यायाधिकरण के फैसले के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन एवं उनकी पत्नी एडविना द्वारा लिखी गईं निजी डायरी तथा पत्र के कुछ खास अंश गोपनीय बने रहेंगे. न्यायाधिकरण के समक्ष दायर अपील का केंद्र ंिबदु यह था कि क्या इन निजी डायरी और पत्रों को पूर्ण रूप से सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराया जा सकता है या नहीं?ब्रिटेन की ‘फर्स्ट-टियर ट्रिब्यूनल’ (सूचना अधिकार) की न्यायाधीश सोफी बकले को इन निजी डायरी के कुछ गोपनीय हिस्से और 1930 के दशक के दौरान के पत्रों के बारे में फैसला करना था.

न्यायाधीश सोफी ने हाल में निष्कर्ष निकाला था कि साउथहैंप्टन विश्वविद्यालय के व्यापक संग्रह में ”स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को भेजे गये लेडी माउंटबेटन के पत्र (33 फाइल्स, 1948-60), साथ ही उनके (नेहरू) द्वारा उन्हें (लेडी माउंटबेटन) भेजे गए पत्रों की प्रति” शीर्षक संबंधी कोई पत्राचार ”उपलब्ध” नहीं है.

Related Articles

Back to top button