महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापठक, गठबंधन सरकार में खुलकर सामने आए मतभेद
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मुंबई. महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार और राज्यसभा नामांकन जैसे अनसुलझे मुद्दों को लेकर खुली चेतावनियों के बीच सत्तारूढ. महायुति गठबंधन में तनाव बढ. रहा है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को रिक्त राज्यसभा सीट के लिए मनोनीत किए जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में असंतोष की खबरें सामने आई हैं. इस कदम से राकांपा में असंतोष भड़क गया है. विशेष रूप से वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने नाराजगी व्यक्त की है, जो राज्यसभा सदस्य बनना चाहते थे.
प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल ने पार्टी की निर्णय प्रक्रिया में दरकिनार किए जाने की भावना का संकेत देते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों चुनावों के लिए टिकट आवंटन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “(उन्हें टिकट न दिए जाने के) पीछे कारण हो सकते हैं. कभी-कभी यह नियति या किसी प्रकार की मजबूरी होती है.” उन्होंने इस सवाल पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया कि क्या वंशवाद की राजनीति के चलते ऐसा हुआ है. यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा और राज्यसभा टिकट को लेकर उनके साथ अन्याय हुआ है, भुजबल ने स्पष्ट रूप से नाराज होते हुए कहा कि यह सवाल ह्लउनसेह्व पूछा जाना चाहिए.
भुजबल ने कहा, “यह (सांसद बनने की) मेरी इच्छा है. इसलिए मैं नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार था. मुझे बताया गया कि दिल्ली में मेरा टिकट तय हो गया है, मैंने काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन जब (नाम की घोषणा का) फैसला एक महीने तक लटका रहा, तो मैंने काम बंद कर दिया क्योंकि काफी अपमान हो चुका था.” नासिक से टिकट अंतत? शिवसेना के हेमंत गोडसे को मिला, जो चुनाव में प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) के राजाभाऊ वाजे से हार गए.
अजित पवार ने शुक्रवार को अपनी पार्टी में स्पष्ट असंतोष को कम करने का प्रयास करते हुए कहा कि राज्यसभा उपचुनाव के लिए उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाने का निर्णय राकांपा की शीर्ष इकाई ने लिया है. उन्होंने इन खबरों का खंडन किया कि भुजबल नाराज हैं. कैबिनेट मंत्री भुजबल सुनेत्रा पवार के नामांकन के बाद नाराज हैं, मीडिया में आई इन खबरों के बारे में पूछे जाने पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सहयोगी ने खुद बताया है वह नाराज नहीं हैं. अजित पवार ने कहा कि विपक्ष समेत कुछ लोग और “हमारे करीबी दोस्त” ऐसी खबरें फैला रहे हैं, लेकिन इनमें कोई सच्चाई नहीं है.
अजित ने बताया कि जब उनकी पत्नी ने नामांकन पत्र दाखिल किया तो प्रफुल्ल पटेल और भुजबल समेत राकांपा के प्रमुख नेता मौजूद थे. इन आंतरिक टकरावों के बीच, सुनेत्रा पवार ने बारामती से लोकसभा चुनावों में अपनी हालिया हार के बाद आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए राकांपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है.
महाराष्ट्र में एक राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव 25 जून को होना है. फरवरी में राज्यसभा सदस्य चुने गए राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है. हालांकि, सुनेत्रा पवार का निर्विरोध चुना जाना तय है क्योंकि वह एकमात्र उम्मीदवार हैं.
एक अन्य घटनाक्रम में, शिवसेना विधायक संजय शिरसत ने महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस मुद्दे को और लंबा खींचा गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को कैबिनेट विस्तार के प्रति सुस्त रवैये के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जून 2022 में पदभार संभालने के बाद से केवल दो विस्तार हुए हैं.
मंत्री पद के संभावित उम्मीदवार शिरसत ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आगामी मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर स्पष्टता दिखाने और गठबंधन में तनाव बढ.ने से रोकने के लिए निर्णायक घोषणा करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है. शिरसत ने कहा, “हर कोई मंत्री बनना चाहता है, लेकिन कोई भी ऐसा नहीं कहता. आप इसे लंबे समय तक नहीं खींच सकते. ठोस निर्णय लेने का समय आ गया है. अगर मंत्रिमंडल विस्तार में और देरी हुई तो परिणाम बुरे होंगे.” गठबंधन सरकार में अनिश्चितता व असंतोष पनप रहा है, और महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य चुनौतियों व आंतरिक सत्ता संघर्षों से गुजर रहा है.
राज्य के मंत्री अब्दुल सत्तार ने जालना लोकसभा सीट से वरिष्ठ नेता रावसाहेब दानवे की हार के लिए एकनाथ शिंदे सरकार से उन्हें निष्कासित करने की मांग करने वाले भाजपा नेताओं पर शुक्रवार को पलटवार किया. सत्तार की विधानसभा सीट सिल्लोड के भाजपा नेताओं ने उनके निष्कासन की मांग करते हुए राज्य नेतृत्व को पत्र लिखा है. साल 1999 से जालना से सांसद रहे दानवे को 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के कल्याण काले ने 1 लाख से अधिक मतों से हराया है.
सत्तार ने उन भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर वह (दानवे) जीतते, तो वे सारा श्रेय लेते, लेकिन जब वह हार गए हैं तो मुझे दोष दे रहे हैं.ह्व इस बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार प्याज संकट के तत्काल समाधान की आवश्यकता के बारे में मुखरता दिखाते हुए किसानों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्याज के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित करने के महत्व पर बल दिया है.
पुणे में उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार ने कहा कि अगर उन्हें केंद्र में राज्य मंत्री पद की पेशकश की जाती है तो वह इसका स्वागत करेंगी.
एक पत्रकार के सवाल पर उन्होंने कहा, “बेशक, अगर मौका मिला तो मैं निश्चित रूप से इस अवसर का लाभ उठाऊंगी.”