प्रधानमंत्री मोदी ‘अमृत कलश यात्रा’ के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए, माटी का तिलक लगाया

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्­द्र मोदी मंगलवार को कर्तव्­य पथ पर ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान के तहत देश भर में आयोजित ‘अमृत कलश यात्रा’ के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई मिट्टी को एक विशालकाय अमृत कलश में अर्पित किया और उसका तिलक भी लगाया. राज्­यों और केन्­द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की ओर से ‘एक भारत-श्रेष्­ठ भारत’ की भावना को प्रतिबिंबित करते हुए विभिन्न हिस्सों की मिट्टी दिल्ली लाई गई है.

प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान अमृत वाटिका और अमृत महोत्­सव स्­मारक का उद्घाटन किया और देश के युवाओं के लिए ‘मेरा युवा भारत’ मंच की शुरुआत भी की. यह कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्­सव के समापन समारोह के उपलक्ष्­य में किया जा रहा है. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान देश के लिए सर्वोच्­च बलिदान देने वाले वीरों और वीरांगनाओं के प्रति एक श्रद्धांजलि है.

कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद सभी लोगों ने मिट्टी की पोटली को हाथ में लेकर पिछले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किए गए ‘पंच प्रणों’ के आह्वान के अनुरूप भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने, गुलामी की मानसिकता को जड़ से उखाड़ फेंकने और देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करने की शपथ ली. प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित वहां मौजूद सभी केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों व नेताओं ने भी यह शपथ ली.

‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान में 36 राज्­यों और केन्­द्र शासित प्रदेशों में 2,30,000 से अधिक ‘शिलापट्ट’ निर्मित किये गए हैं और इसके समर्थन में पंच-प्रण को दर्शाने वाली लगभग चार करोड़ सेल्­फी सोशल मीडिया पर अपलोड की गई हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश भर से आए हजारों अमृत कलश यात्रियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जैसे दांडी यात्रा शुरू होने के बाद देशवासी उससे जुड़ते गए, वैसे ही आजादी के अमृत महोत्सव ने जनभागीदारी का ऐसा हुजूम देखा कि नया इतिहास बन गया.
उन्होंने ‘मेरा युवा भारत’ संगठन की नींव रखे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि 21वीं सदी में राष्ट्र निर्माण के लिए यह बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है.

उन्होंने कहा, ”भारत के युवा कैसे संगठित होकर हर लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान है. इस अभियान में गांव-गांव, गली गली से कोटि-कोटि देश के युवा जुड़े हैं. देश भर में लाखों आयोजन हुए और अनगिनत भारतीयों ने अपने हाथों से अपने आंगन व अपने खेत की मिट्टी अमृत कलश में डाली है.” उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी सभ्यताएं समाप्त हो गईं, लेकिन भारत की मिट्टी में वह चेतना और प्राण शक्ति है, जिसने इस राष्ट्र को अनादि काल से आज तक बचा कर रखा है.

उन्होंने कहा, ”यह वह माटी है, जो देश के कोने-कोने से आत्मीयता और आध्यात्मिक हर प्रकार से हमारी आत्मा को जोड़ती है. इस मिट्टी की सौगंध खाकर हमारे वीरों ने आजादी की लड़ाई लड़ी. देश भर के कोने से जो मिट्टी यहां पहुंची है, वह हमें कर्तव्य भाव की याद दिलाती रहेगी. यह मिट्टी विकसित भारत के हमारे संकल्प के सिद्धि के लिए और अधिक परिश्रम को प्रेरित करती रहेगी.” प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव ने इतिहास के छूटे हुए पन्नों को भविष्य की पीढि.यों से जोड़ दिया है और साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों का जिला वार एक बहुत बड़ा डेटाबेस भी तैयार हुआ है.

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