राहुल भारत के खिलाफ काम करने वाले ‘‘टूलकिट का स्थायी हिस्सा’’ बन गए हैं : नड्डा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भारतीय लोकतंत्र की स्थिति पर ब्रिटेन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह भारत के खिलाफ काम करने वाले उस ‘टूलकिट का स्थायी हिस्सा’ बन गए हैं, जो भारत में ‘‘कमजोर और गठबंधन की मजबूर सरकार’’ चाहता है ताकि उसका फायदा उठाया जा सके.

नड्डा ने एक बयान में गांधी पर अरबपति फाइनेंसर जॉर्ज सोरोस की भाषा बोलने का आरोप भी लगाया और दावा किया कि कांग्रेस और तथाकथित वाम उदारवादी देश के खिलाफ विदेशी ताकतों की गहरी साजिश का हिस्सा बन गए हैं. उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्र विरोधी’ कांग्रेस नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गांधी को देश के आंतरिक मामलों में विदेशी शक्तियों के हस्तक्षेप की मांग करने के अपने ‘पाप’ के लिए भारत के लोगों से माफी मांगनी ही होगी. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रमुख पर देश को आर्थिक और रणनीतिक रूप से घेरने के लिए भारत के खिलाफ विदेशी साजिशकर्ताओं के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आजाद भारत में इससे पहले किसी नेता ने वह नहीं किया जो गांधी ने विदेशी धरती पर किया है.

नड्डा ने कहा, ‘‘यह सबसे गंभीर मामला है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने जो किया है उससे हर देशभक्त सांसद के साथ-साथ देश के लोगों को भी ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ काम करने वाले लोग अपने फायदे के लिए, गठबंधन की मजबूरी में काम करने वाली एक कमजोर सरकार चाहते हैं. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भारत विरोधी ताकतों को मजबूत भारत, उसके मजबूत लोकतंत्र और निर्णायक सरकार से हमेशा समस्या रही है.

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र की स्थिति की आलोचना करके और विदेशी धरती पर अमेरिका और यूरोप के हस्तक्षेप की मांग करके गांधी ने देश की संप्रभुता पर हमला किया है. नड्डा ने कहा, ‘‘लोगों द्वारा बार-बार खारिज किए जाने के बाद राहुल गांधी भारत के खिलाफ काम करने वाले ‘टूलकिट’ का स्थायी हिस्सा बन गए हैं.’’ उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रमुख पर भारत, उसकी संसद, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार और देश के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गांधी ने जो किया है वह भारत के खिलाफ काम करने वालों को मजबूत करने के समान है.

उधर, कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि गांधी माफी नहीं मांगेंगे. राहुल ने संसद के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए लोकसभा में अपनी बात रखने की अनुमति मांगी है. इस विवाद को लेकर अब तक संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही है.

नड्डा ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जबकि राहुल ने विदेशी धरती पर देश का ‘अपमान’ करने का विकल्प चुना. उन्होंने कहा, ‘‘भारत में अमेरिका और यूरोप के हस्तक्षेप की मांग करने और यह दावा करने से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि देश में अब लोकतंत्र नहीं है.’’ भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि जब भी संसद सत्र शुरू होने वाला होता है तो ‘‘राष्ट्र विरोधी गिरोह’’ सक्रिय हो जाता है और ‘‘टूलकिट’’ लेकर आता है. उन्होंने आरोप लगाया कि कभी इजराइली स्पाईवेयर पेगासस पर झूठी रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है, कभी आंदोलन भड़काया जाता है तो कभी कहीं से कोई दस्तावेज सामने आ जाता है.

उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर क्या आप भारत को आर्थिक और रणनीतिक घेराबंदी में लाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या आप हमारे देश को कमजोर करने और हमारी संप्रभुता को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं?’’ यह उल्लेख करते हुए कि आजादी मिलने से पहले ब्रिटेन ने भारत पर शासन किया था, भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांधी ने उस देश से भारत में हस्तक्षेप की मांग की.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह देश के खिलाफ साजिश नहीं है तो और क्या है?’’ नड्डा ने कहा, ‘‘अब यह स्पष्ट है कि मणिशंकर अय्यर का प्रधानमंत्री मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान की मदद का अनुरोध और मोदी को हटाने के लिए सलमान खुर्शीद की विदेशी मदद की मांग उनके निजी विचार नहीं थे, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेतृत्व की मंशा थी.’’ भाजपा अध्यक्ष ने राहुल गांधी पर भारत के लोकतंत्र को नहीं समझने और नागरिकों पर विश्वास नहीं करने का आरोप लगाया.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि अगर राहुल गांधी ने स्वतंत्र भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को ठीक से पढ़ा होता तो उन्हें पता चल जाता कि देश के लोकतंत्र की हत्या किसने की और किसने इसकी रक्षा की.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने देश में 19 महीने के लिए आपातकाल लागू कर दिया था और बिना किसी कारण के लगभग डेढ़ लाख निर्दोष लोगों को जेल में डाल दिया था, चाहे वह राजनीतिक कार्यकर्ता हों, युवा हों, बूढ़े लोग हों या महिलाएं हों.

नड्डा ने कहा कि जापान, आॅस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली और सऊदी अरब सहित विश्व के नेता मोदी के नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं जबकि राहुल भारत को ‘‘बदनाम कर रहे हैं और नीचा’’ दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी कहते हैं कि भारत एक राष्ट्र नहीं है बल्कि राज्यों का संघ है. मेरे पास उस व्यक्ति की सोच पर अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं जो भारत को एक राष्ट्र नहीं मानता है. भारत लोकतंत्र की जननी है. दुनिया की कोई भी ताकत भारत की लोकतांत्रिक विरासत को नुकसान नहीं पहुंचा सकती.

प्रधानमंत्री के खिलाफ वेणुगोपाल का विशेषाधिकार नोटिस कांग्रेस का हथकंडा: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिए जाने को शुक्रवार विदेशी धरती पर भारत का ‘‘अपमान’’ करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी गुस्से से ध्यान भटकाने का हथकंडा करार दिया.

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस को देश भर में गुस्से और र्शिमंदगी का सामना करना पड़ रहा है और विपक्षी पार्टी अब ध्यान भटकाने की रणनीति अपना रही है. वेणुगोपाल ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है. उन्होंने इस नोटिस में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री द्वारा कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेहरू उपनाम रखने का सुझाव देना, दोनों नेताओं के विशेषाधिकार का उल्लंघन है और सदन की अवमानना है.

गोयल ने कहा कि कांग्रेस सदस्य द्वारा सौंपे गए नोटिस पर फैसला राज्यसभा के सभापति को करना है और भाजपा का मानना है कि वेणुगोपाल ने जो किया है वह ‘‘नौटंकी और ध्यान भटकाने की रणनीति’’ है. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने अपने नोटिस में प्रधानमंत्री के उस सुझाव को ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया कि उन्हें (सोनिया और राहुल) नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में क्यों शर्म आती है.

उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र के पहले चरण में नौ फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में गांधी परिवार के सदस्यों पर सीधा हमला बोलते हुए पूछा था कि उन्हें नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में शर्म क्यों आती है. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू के नाम का उल्लेख नहीं होता है तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं और उनका लहू एकदम गर्म हो जाता है कि नेहरू जी का नाम क्यों नहीं दिया. उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे ये समझ नहीं आता है कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम (उपनाम) रखने से डरता क्यों है . क्या र्शिमंदगी है नेहरू सरनेम रखने से. क्या र्शिमंदगी है. इतना बड़ा महान व्यक्तित्व अगर आपको मंजूर नहीं है, परिवार को मंजूर नहीं है और हमारा हिसाब मांगते रहते हो.’’ वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को पता है कि पिता का उपनाम बेटी को नहीं मिलता है.

सांसदों के राष्ट्रीय औसत से भी कम है राहुल गांधी की उपस्थिति: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए कहा कि वह खुद को संसद से ऊपर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि निचले सदन में उनकी उपस्थिति सभी सदस्यों की औसत उपस्थिति से भी कम है. ठाकुर ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि विदेशी धरती पर भारत का ‘‘अपमान’’ करने वाले गांधी को संसद से माफी मांगने से किसने रोका.

ठाकुर ने कहा, ‘‘राहुल का मतलब है रिग्रेटफुल, आॅफुल, हेटफुल, अनग्रेटफुल, लायर (खेदजनक, भयानक, घृणित, कृतघ्न, झूठे) हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह यह दिखाना चाहते हैं कि वह संसद से ऊपर और राष्ट्र से ऊपर हैं. क्या एक परिवार देश से बड़ा है?’’ ठाकुर ने कहा कि गांधी को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं पर एक पुस्तक भी उपलब्ध कराने की पेशकश की.
ठाकुर ने कहा, ‘‘वह भूल जाते हैं कि सदन प्रक्रिया के अनुसार चलता है, लेकिन एक व्यक्ति जिसकी संसद में औसत उपस्थिति सभी सदस्यों की औसत उपस्थिति से कम है, वह सदन के नियमों और प्रक्रियाओं से अनजान होगा.’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सत्तारूढ़ भाजपा के निशाने पर हैं. उसने आरोप लगाया है कि राहुल ने यह कहकर विदेशी धरती से देश का अपमान किया है कि अमेरिका और यूरोपीय देश इस बात से बेखबर हैं कि भारत में लोकतांत्रिक मॉडल का एक बड़ा हिस्सा खत्म हो गया है.

हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला’’ हो रहा है. उन्होंने अफसोस जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं. राहुल ने अपने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं.

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