CBI से आग्रह, पूर्ववर्ती संगमा सरकार को ‘भ्रष्ट’ बताने वाले शाह के बयान को लेकर जांच हो : जयराम रमेश

नयी दिल्ली. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि मेघालय की पूर्ववर्ती कोनराड संगमा सरकार को ‘सबसे भ्रष्ट’ बताने वाले बयान के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को तलब कर वह सूचना और तथ्य लिए जाएं जिनके आधार पर उन्हें ऐसा दावा किया था.

कांग्रेस नेता ने सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल से, शाह द्वारा लगाए गए आरोप की जांच करने का आग्रह भी किया.
रमेश ने यह पत्र 21 मार्च को लिखा और इसकी प्रति बृहस्पतिवार को ट्विटर पर साझा की. उन्होंने सीबीआई निदेशक को लिखे पत्र के साथ ही मीडिया में आई ऐसी कुछ खबरें भी साझा कीं जिनमें शाह के बयान का उल्लेख है. कांग्रेस नेता ने सीबीआई निदेशक को यह पत्र उस समय लिखा है जब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक बयान के संदर्भ में दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी गत रविवार के उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे थे.

रमेश ने पत्र में कहा है, “मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि 17 फरवरी 2023 को अमित शाह ने अपनी एक सार्वजनिक सभा में कहा था कि तत्कालीन मेघालय सरकार सबसे भ्रष्ट सरकार है.” कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, “अमित शाह भारत सरकार में गृह मंत्री हैं, ऐसे में वह सूचना और तथ्य उनके पास अवश्य रहे होंगे जिनके आधार पर वह ऐसे निष्कर्ष तक पहुंचे होंगे. कुछ ऐसे कारण रहे होंगे कि अमित शाह तत्कालीन मेघालय सरकार के भ्रष्ट आचरण और गतिविधियों के संदर्भ में कदम उठाने में विफल रहे.”

उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रहित में आपसे आग्रह करता हूं कि अमित शाह को तलब किया जाए और उनसे वह सभी सूचना और तथ्य देने के लिए कहा जाए जिनके आधार पर उन्होंने ऐसा आकलन किया था. फिर मामले की जांच की जाए.” कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं आपसे यह जांच करने का भी आग्रह करता हूं कि अमित शाह पर उनकी पार्टी या अन्य ताकतों की तरफ से कहीं कोई दबाव तो नहीं था जिसके चलते उन्होंने पूर्ववर्ती मेघालय सरकार के भ्रष्टाचार के बारे में सूचना दबा दी.”

रमेश ने सीबीआई निदेशक को लिखे पत्र के साथ ही मीडिया में आई ऐसी कुछ खबरें भी साझा कीं जिनमें शाह के बयान का उल्लेख है. कांग्रेस ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पहले कोनराड संगमा सरकार को भ्रष्ट बताया और फिर चुनाव के बाद भाजपा सत्ता के लिए उनके साथ गठबंधन में शामिल हो गई.

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