2,000 रुपये के नोटों का मुद्दा : राउत का प्रधानमंत्री पर ‘मनमाने’ फैसले लेने का आरोप

मुंबई. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की घोषणा के कुछ दिन बाद सोमवार को दावा किया कि जब कोई फैसला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जाता है तो प्रधानमंत्री नकारात्मक भावनाओं को कम करने के लिए कुछ ‘मनमाने’ फैसले करते हैं.

गौरतलब है कि आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी. इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. आरबीआई के फैसले के बारे में पूछे जाने पर राउत ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया, ‘‘जब कोई फैसला भाजपा या मोदी के खिलाफ जाता है तो वह नकारात्मक भावनाओं को कम करने के लिए कुछ मनमाने फैसले करते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक एक महत्वपूर्ण दक्षिणी राज्य है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग त्योहार मनाते हैं. राज्य में सबसे ज्यादा मंदिर हैं और लोग अपने धार्मिक झुकाव को छिपाते नहीं हैं. इसके बावजूद कर्नाटक के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा को नकार दिया है.’’ उन्होंने पूछा कि भाजपा के लिए यह स्वीकार करना इतना मुश्किल क्यों है. राउत ने कहा कि भाजपा को हार को स्वीकार करना सीखना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि ऐसे (हार के) और मौके आएंगे.

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