अयोध्या में धर्म ध्वज स्थापना के लिए प्रधानमंत्री के दौरे से पहले कड़ी की गई सुरक्षा

प्रधानमंत्री अयोध्या में मंगलवार को राम मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे

अयोध्या. अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर में धर्म ध्वज स्थापना समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कानून-व्यवस्था की दृष्टि से भारी पुलिस बल तथा विभिन्न विशेष इकाइयों की तैनाती की गई है. वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर फील्ड टीम तक का समन्वित प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है. आधिकारिक बयान के अनुसार, सुरक्षा योजना के तहत उच्च अधिकारियों को रणनीतिक नेतृत्व के लिए तैनात किया गया है जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय अधिकारी और निरीक्षकों की बड़ी संख्या शामिल है.

बयान में कहा गया, ”सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस अधीक्षक स्तर के 30 अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के 90 अधिकारी, 242 उपनिरीक्षक, 1060 निरीक्षक (पुरुष), 80 महिला उपनिरीक्षक, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल, 448 महिला हेड कांस्टेबल तैनात किए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त, यातायात विभाग के 800 से अधिक कर्मी भी ड्यूटी पर रहेंगे.” इसमें कहा गया कि सुरक्षाकर्मी भीड़ नियंत्रण, तलाशी, जांच और आपात प्रतिक्रिया जैसे दायित्व निभाएंगे. विशेष सुरक्षा इकाइयों में बम खोजी दस्ता, श्वान दस्ता, वीवीआईपी सुरक्षा निरीक्षण दल, यातायात प्रबंधन इकाई, अग्निशमन इकाई और प्रतिक्रिया बल को संवेदनशील बिंदुओं पर तैनात किया गया है.

बयान के अनुसार, बीडीएस यूनिट, एक्स-रे जांच मशीन, सीसीटीवी, विशेष सुरक्षा वैन, गश्ती इकाई और एंबुलेंस इकाइयों का भी प्रावधान किया गया है. स्थानीय पुलिस के अलावा, एटीएस कमांडो की विशेष टीम, ‘एनएसजी स्नाइपर यूनिट’ और ‘एंटी-ड्रोन यूनिट’ भी सुरक्षा व्यवस्था को सुदृ­ढ़ करने के लिए तैनात की गई हैं.

प्रधानमंत्री अयोध्या में मंगलवार को राम मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को अयोध्या का दौरा करेंगे और श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे, जो इसके निर्माण के पूरा होने का प्रतीक होगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह करीब 10 बजे सप्तमंदिर आयेंगे जिसमें मर्हिष वशिष्ठ, मर्हिष विश्वामित्र, मर्हिष अगस्त्य, मर्हिष वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर हैं.

सोमवार को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इसके बाद वे शेषावतार मंदिर जाएंगे. सुबह करीब 11 बजे प्रधानमंत्री माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे, इसके बाद वह राम दरबार गर्भगृह में दर्शन और पूजा करेंगे, जिसके बाद रामलला गर्भगृह में दर्शन करेंगे.

बयान में कहा गया है कि दोपहर करीब 12 बजे प्रधानमंत्री श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे, जो मंदिर के निर्माण के पूरा होने और सांस्कृतिक उत्सव और राष्ट्रीय एकता के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि समकोण त्रिभुजाकार ध्वज की ऊंचाई 10 फुट और लंबाई 20 फुट है. इस पर एक दीप्तिमान सूर्य की तस्वीर है जो भगवान राम के तेज और वीरता का प्रतीक है. इस पर ‘ॐ’ अंकित है और कोविदार वृक्ष की तस्वीर भी है.

पीएमओ ने कहा कि पवित्र भगवा ध्वज गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा और राम राज्य के आदर्शों का प्रतीक होगा. बयान के अनुसार यह ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर वास्तुशैली में निर्मित ‘शिखर’ के शीर्ष पर फहराया जाएगा, जबकि इसके चारों ओर 800 मीटर लंबा परकोटा दक्षिण भारतीय वास्तुशैली में डिजाइन किया गया है, जो मंदिर की वास्तुशिल्प विविधता को दर्शाता है. इस मौके पर प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित करेंगे.

पीएमओ के बयान में कहा गया है, “यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी तिथि को होगा, जब श्री राम और मां सीता की विवाह पंचमी का अभिजीत मुहूर्त भी है.” पीएमओ के बयान के अनुसार, यह तिथि नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी, के शहादत दिवस के साथ भी मेल खाती है, जिन्होंने 17वीं सदी में अयोध्या में लगातार 48 घंटे ध्यान लगाया था. इससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और ब­ढ़ जाता है.

बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को धार्मिक ध्वजा फहरा कर हिंदू अनुष्ठान संपन्न करेंगे. शास्त्रीय परंपरा में ध्वज आरोहण को अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना गया है. पीएमओ के बयान के अनुसार, मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण के आधार पर भगवान राम के जीवन से जुड़ी घटनाओं को दर्शाती 87 जटिल नक्काशी पत्थर पर उकेरी गई हैं. इसके अनुसार साथ ही घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति के 79 कांस्य-निर्मित दृश्य हैं. बयान के अनुसार, ये सभी तत्व मिलकर सभी आगंतुकों के लिए एक सार्थक और शैक्षिक अनुभव प्रदान करते हैं, जो भगवान राम के जीवन और भारत की सांस्कृतिक विरासत की गहरी समझ देते हैं.

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