उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 51 अंक टूटा, निफ्टी में भी मामूली नुकसान
मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बुधवार को बीएसई सेंसेक्स मामूली 51 अंक के नुकसान में रहा. एनएसई निफ्टी में भी गिरावट हल्की रही. आर्थिक वृद्धि दर में कमी के अनुमान के बीच कंपनियों के तिमाही नतीजों से पहले निवेशकों ने बाजार से दूरी बनाये रखी.
कारोबारियों के अनुसार, रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से भी धारणा कमजोर रही. हालांकि, टाटा कंसल्टेंसी र्सिवसेज (टीसीएस) और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेज गिरावट पर अंकुश लगा. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 50.62 अंक यानी 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,148.49 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान, एक समय यह 712.32 अंक तक लुढ़क गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 18.95 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ 23,688.95 अंक पर बंद हुआ.
जियोजीत फाइनेंशियल र्सिवसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ने के अनुमान तथा तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव आया. हालांकि, निचले स्तर पर प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में सुधार आया. इसके अलावा, नरम पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बजट में सुधारों को आगे बढ़ाने की उम्मीद से भी बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा.”
उन्होंने कहा, ”निकट भविष्य में धारणा कमजोर रहने की संभावना है. इसका कारण अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल का बढ़ना और फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में कम कटौती की आशंका है.” सेंसेक्स के तीस शेयरों में से अदाणी पोर्ट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, लार्सन एंड टुब्रो, सन फार्मा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी और भारतीय स्टेट बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाटा कंसल्टेंसी र्सिवसेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक और मारुति शामिल हैं.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल र्सिवसेज लि. के शोध और संपत्ति प्रबंधन मामलों के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ”निवेशकों की नजर आईटी शेयरों पर होगी. इसका कारण टीसीएस का तीसरी तिमाही का परिणाम बृहस्पतिवार को जारी होगा…प्रतिभा विकास, प्रशिक्षण और परिचालन दक्षता से कंपनी की कर पूर्व आय में सुधार आने की उम्मीद है. कच्चे तेल के दाम बढ़ने से तेल एवं गैस कंपनियों के शेयरों में लिवाली होने की संभावना है.” उन्होंने कहा, ”हमारा अनुमान है कि भारतीय बाजार सीमित दायरे में रहेगा. तिमाही परिणाम के साथ शेयर/क्षेत्र केंदित गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं.” छोटी कंपनियों से संबंधित बीएसई समॉलकैप सूचकांक 1.12 प्रतिशत नीचे आया जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित मिडकैप 1.09 प्रतिशत के नुकसान में रहा.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 1,491.46 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कम्पोजिट सकारात्मक दायरे में रहे, जबकि जापान के निक्की और हांगकांग के हैंगसेंग में नुकसान रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख रहा. अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में रहे थे.
रुपये की विनिमय दर में गिरावट लगातार दूसरे दिन जारी रही और यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 13 पैसे टूटकर अबतक के सबसे निचले स्तर 85.87 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.79 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77.66 डॉलर प्रति बैरल रहा.
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आ सकती है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा कि देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी. बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 234.12 अंक चढ़ा था जबकि एनएसई निफ्टी में 91.85 अंक की तेजी रही थी.