
नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भाजपा को निशाना बनाने के लिए तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) भाषा और द्रविड़ पहचान से जुड़े भावनात्मक मुद्दे उठा रही है, क्योंकि उसके पास अपनी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार और जातिगत-अपराध के आरोपों का कोई जवाब नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे बड़ा कोई ”बेतुका तर्क” नहीं हो सकता कि उनकी पार्टी (भाजपा) द्रविड़ हितों के खिलाफ है.
सीतारमण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए, राज्य की द्रमुक सरकार की तीखी आलोचना की और मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों, महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं, जातिगत हिंसा, खासकर दलितों के खिलाफ हिंसा और नशीली दवाओं का दुरुपयोग बढ़ने का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी के पास इन आरोपों का कोई जवाब नहीं है.
तमिलनाडु की रहने वाली सीतारमण ने कहा, ”उनका (द्रमुक का) समय इन घटनाओं पर ध्यान देने के बजाय अलगाववादी तर्क देने में बीतता है. वे आरोप लगाते हैं कि उनके टैक्स का पैसा बिहार जा रहा है. क्या बिहार, पाकिस्तान में है? बिहार के लोग आपकी फै्ट्रिरयों में काम कर सकते हैं. आप अपना मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन आप अपने टैक्स का पैसा अपने पास रखना चाहते हैं. अलगाववादी मानसिकता, राजनीति के तथाकथित द्रविड़ मॉडल पर हावी है.” उन्होंने कहा कि द्रमुक भले ही सामाजिक न्याय का हिमायती होने का दावा करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में जातिगत हिंसा बार-बार होती रही है, और अनुसूचित जातियों के लोग अक्सर इसका निशाना बनाये गए हैं.
उन्होंने कहा कि उनके जलस्रोतों को मानव मल से प्रदूषित करने जैसी घटनाएं हुई हैं. घटना का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा, ”कभी-कभी मेरा खून खौल उठता है. जाति-आधारित ‘ऑनर किलिंग’ (झूठी शान की खातिर हत्या) हर जगह हो रही है.” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले वर्ष की पहली छमाही में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान, अन्नाद्रमुक-भाजपा गठजोड़ राज्य में द्रमुक-कांग्रेस-वाम गठबंधन को सफलतापूर्वक चुनौती देगा.
सीतारमण ने कहा कि आज की तारीख में, प्रमुख चुनावी मुद्दों में द्रमुक का ”कुशासन” शामिल है, जो अपने ”चरम” पर पहुंच गया है. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं. उन्होंने कहा कि कुछ तो जेल भी गए. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ द्रमुक परिवार का मादक पदार्थ के एक तस्कर के साथ कथित संबंध, एक परिवार द्वारा पार्टी पर पूर्ण प्रभुत्व और राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के विपरीत, केंद्र की (नरेन्द्र) मोदी सरकार पर ऐसे किसी भी आरोप का न होना- इन सभी बातों पर लोगों की नज.र है.
वित्त मंत्री ने कहा कि लोग राज्य के विकास में मोदी सरकार की अग्रणी भूमिका को देख सकते हैं, जिसमें बंदरगाहों एवं राजमार्गों का निर्माण और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना शामिल है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कभी भी मादक पदार्थ से जुड़ी समस्या नहीं थी, लेकिन अब माता-पिता स्कूलों में भी ड्रग्स के सेवन को लेकर चिंतित हैं, जबकि राज्य में शराब पानी की तरह बह रही है. उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ दल की सामाजिक न्याय की घोषित विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहरीली शराब पीने के कारण अनुसूचित जाति के कई लोगों की मौत हुई है.
भाषा विवाद को लेकर भाजपा पर द्रमुक के आरोपों और केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी (भाजपा) के द्रविड़ हितों के खिलाफ होने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि इससे बड़ा कोई झूठा तर्क नहीं हो सकता. सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा, ”वे द्रविड़वाद को कैसे परिभाषित करते हैं? क्या वे भारत का हिस्सा नहीं हैं? तमिलनाडु के भाजपा नेता कौन हैं? क्या वे तमिलनाडु का हिस्सा नहीं हैं?” वित्त मंत्री ने दिसंबर में अन्ना विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ हुई बलात्कार की घटना का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या इस मामले में न्याय हुआ.
सीतारमण ने कहा कि राज्य की राजनीति में महिलाओं का पारंपरिक रूप से उच्च स्थान रहा है और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि द्रमुक चाहे जितना शोर मचा ले, लेकिन उनके पास अपने ”वैचारिक तथ्यों” से जुड़े सवालों का कोई जवाब नहीं है, जिन्हें वे ”अपने सीने से लगाए रखते हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ”जाति-विहीन” राजनीति को बढ़ावा देने का दावा करती है, लेकिन जाति-आधारित अपराध हर जगह हो रहे हैं. अन्नाद्रमुक के आंतरिक संगठनात्मक मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और इस बात को खारिज कर दिया कि पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई नाराज हैं.