शाह ने की दिग्विजय सिंह को “विदाई” देने की अपील, कहा- आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले

देश में यूसीसी लागू करना भाजपा का वादा और मोदी की गारंटी : शाह

भोपाल. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए मतदाताओं से उन्हें “राजनीतिक विदाई” देने की अपील की. उन्होंने राजगढ़ लोकसभा सीट के तहत आने वाले खिलचीपुर में शुक्रवार को चुनाव प्रचार करते हुए कहा कि श्रीमान बंटाधार से कहिए कि हम आपको राजगढ़ को बीमारु जिला नहीं बनाने देंगे.

उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय को राजनीति से “भव्य विदाई” देने की अपील करते हुए शायराना अंदाज में कहा, “अब समय आ गया है. इनको परमानेंट विदाई देने का. दिग्विजय की विदाई आपको करनी है. ‘मगर आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले. भारी अंतर से हराकर उनकी विदाई करना. राजगढ़ वाले उन्हें घर पर बिठा दें, यही कहने आया हूं.” केंद्रीय गृह मंत्री ने सिंह के प्रति हमलावर रुख जारी रखते हुए कहा, “बंटाधार से कहो, हम आपको राजगढ़ को बीमारू जिला नहीं बनाने देंगे.” ‘बंटाधार’ शब्द का इस्तेमाल भाजपा सिंह पर आरोप लगाने के लिए करती है. भाजपा कहती है कि 1993 से 2003 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में उनके 10 साल के शासनकाल में विकास कार्यों पर लगाम लग गई थी.

इससे पहले गुना लोकसभा क्षेत्र के पिपराई में गुना के मौजूदा सांसद केपी यादव की प्रशंसा करते हुए कहा, ” गुना वालों आपको दो-दो नेता मिलेंगे . ज्योतिरादित्य भी मिलेंगे और केपी यादव भी मिलेंगे. केपी यादव ने इस क्षेत्र की बहुत अच्छी सेवा की है. केपी यादव की चिंता मुझ पर छोड़ देना, आपको कुछ करने की जरुरत नहीं है.”

शाह ने गुना लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य के समर्थन में सभा में कहा, “गुना वालों आपका यह महाराज विकास को लेकर सबसे ज्यादा सर्मिपत है. सिंधिया घराने ने इस क्षेत्र का लालन पालन अपने बच्चे जैसा किया है. मैं राजा साहब के लिए वोट मांगने आया हूं. सिंधिया मेरे मित्र भी हैं, भाजपा के वरिष्ठ नेता भी है. इन्हें जिताते हुए यह याद रखना इन्हें दिया गया एक-एक वोट नरेन्द्र मोदी को जाएगा.” इस बार भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद केपी यादव को टिकट न देकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया है. सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव से है.

साल 2019 के चुनावों में, सिंधिया कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा उम्मीदवार केपी यादव से 1.21 लाख से अधिक मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे. इससे पहले सिंधिया चार बार यह सीट जीत चुके थे. उनके पिता माधवराव और दादी विजयाराजे ने भी इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया को राहुल गांधी का करीबी माना जाता था. लेकिन 2020 में, वह पार्टी से बगावत करके भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई.

देश में यूसीसी लागू करना भाजपा का वादा और मोदी की गारंटी : शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में व्यक्तिगत धार्मिक कानूनों को बरकरार रखने का वादा किया गया जबकि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का भाजपा का वादा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए, मुसलमानों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है, लेकिन भाजपा के लिए, गरीबों, दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों का पहला अधिकार है. सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं.

शाह ने कहा, “कांग्रेस के घोषणापत्र को ध्यान से पढ.ें. उन्होंने कहा है कि वे पर्सनल लॉ को फिर से लाएंगे…वे मुस्लिम पर्सनल लॉ लाना चाहते हैं. वे तीन तलाक को वापस लाना चाहते हैं…क्या यह देश शरिया (इस्लामी कानून) से चलाया जा सकता है?” उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ”राहुल बाबा तुष्टिकरण के लिए जो करना है, कर लो. जब तक भाजपा है, कोई पर्सनल लॉ नहीं आएगा. यह देश यूसीसी और संविधान से चलेगा. यही हमारे संविधान की भावना है. हमने उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया है.ह्व उन्होंने कहा, “यह हमारा वादा और मोदीजी की गारंटी है कि यूसीसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा.” शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त, 2019 को एक झटके में धारा 370 को खत्म कर दिया.

उन्होंने कहा, ”राहुल बाबा मुझे यह कहकर डराते थे कि अगर धारा 370 हटा दी गई तो कश्मीर में खून की नदियां बह जायेंगी. अरे राहुल बाबा, यह कांग्रेस सरकार नहीं है… नरेन्द्र मोदी की सरकार को पांच साल हो गए. खून की नदियां छोड़ो…वहां कंकर चलाने की हिम्मत नहीं हुई.ह्व उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश से आतंकवाद और नक्सलवाद पर लगाम लगा दी और सरकार ने मध्य प्रदेश में भी नक्सली समस्या को खत्म कर दिया है.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस के लिए, देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. लेकिन भाजपा के लिए, गरीबों, दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों का पहला अधिकार है.” शाह ने आरोप लगाया कि अतीत में कांग्रेस सरकारें आरक्षण की सिफारिश करने वाली मंडल आयोग की रिपोर्ट दबाए बैठी रहीं. उन्होंने कांग्रेस पर 70 साल तक राम मंदिर मुद्दे पर बाधाएं पैदा करने का भी आरोप लगाया.

शाह ने कहा, “लेकिन पांच साल में, मोदी सरकार ने मंदिर की नींव रखी और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह भी आयोजित किया गया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके पास इसमें शामिल होने का समय नहीं था.” उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने कैबिनेट सहयोगियों को रामलला के दर्शन कराने के लिए अयोध्या ले गए. गुना लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है.

वोट बैंक की खातिर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए राहुल, दिग्विजय: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी तथा दिग्विजय सिंह की आलोचना की और कहा कि उनका यह कदम पूरी तरह वोट-बैंक की राजनीति से प्रेरित था. भाजपा नेता जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने लगभग 70 वर्ष तक अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की उपेक्षा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे वास्तविकता बनाकर 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति के अभिषेक का मार्ग प्रशस्त किया.

उन्होंने कहा, “क्या आप जानते हैं कि शहजादे राहुल गांधी और दिग्गी राजा (दिग्विजय सिंह) अयोध्या में रामलला की मूर्ति के अभिषेक में क्यों शामिल नहीं हुए? क्योंकि वे अपने वोट-बैंक से डरते हैं और इसलिए, उन्हें कभी माफ नहीं किया जाना चाहिए.” शाह राजगढ. लोकसभा सीट के अंतर्गत खिलचीपुर कस्बे में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे, जहां से मौजूदा भाजपा सांसद रोडमल नागर का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है.

उन्होंने मतदाताओं से कहा कि वे उन लोगों को कभी माफ न करें, जिन्होंने अयोध्या में मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया. शाह ने कांग्रेस पर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को लंबे समय तक जारी रखने का आरोप लगाया और कहा कि इसके कारण राज्य में आतंकवाद पनपा तथा लोग राष्ट्रीय तिरंगा भी नहीं फहरा पा रहे थे. गृह मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को न केवल विवादास्पद संवैधानिक प्रावधान को निरस्त कर दिया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि देश का मस्तक (जम्मू-कश्मीर) ऊंचा रहे.

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