
नयी दिल्ली: सिंगापुर एयरलाइंस ने शुक्रवार को कहा कि एक महत्वपूर्ण अल्पांश शेयरधारक होने के नाते वह एयर इंडिया को जरूरत के हिसाब से अपनी विशेषज्ञता और मदद मुहैया कराएगी। यह टिप्पणी उन रिपोर्ट के बीच आई है जिनमें कहा गया है कि एयर इंडिया ने टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की मांग रखी है।
घाटे में चल रही एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के पास है। एयरलाइन को हाल के दिनों में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। सबसे भीषण हवाई दुर्घटनाओं में से एक में एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 260 लोग मारे गए।
सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ”एयर इंडिया में महत्वपूर्ण अल्पांश शेयरधारक होने के नाते ंिसगापुर एयरलाइंस (एसआईए) एयर इंडिया के कायाकल्प कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए अपने सहयोगी टाटा संस के साथ मिलकर काम कर रही है। इसमें जरूरत पड़ने पर एयर इंडिया को अपनी विशेषज्ञता और सहायता देना भी शामिल है।” यह बयान एयर इंडिया को धन उपलब्ध कराने की खबरों से संबंधित एक सवाल के जवाब में दिया गया था।
प्रवक्ता ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी न देते हुए कहा कि एयर इंडिया के परिचालन और वित्तीय जरूरतों के बारे में किसी खास जानकारी के लिए एयर इंडिया से ही संपर्क करना चाहिए। एयर इंडिया और टाटा संस की ओर से वित्तपोषण योजनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की गई।
टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस ने 2024-25 में एयर इंडिया में 9,558 करोड़ रुपये का निवेश किया थी, जिसमें प्रवर्तकों ने इस साल मार्च में अकेले 4,306 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने बुधवार को कहा था कि समग्र यात्रा मांग को प्रभावित करने वाली कई अनिश्चितताएं हैं, लेकिन इससे एयरलाइन की वृद्धि यात्रा थमने वाली नहीं है।
 
				


