भाजपा शासन में राज्य अधिकारों से वंचित; राज्यपालों के जरिए शासन चलाना संविधान के खिलाफ: स्टालिन

चेन्नई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक दशक के शासन के दौरान राज्य अपने अधिकारों से वंचित हो गए हैं . साथ ही स्टालिन ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन की नयी सरकार बनेगी, जिसके बारे में उनका मानना है कि वह राज्यों की स्वायत्तता का सम्मान करेगी. स्टालिन ने निर्वाचित सरकार के बजाय राज्यपालों के माध्यम से सत्ता चलाने की ”अधिकारवादी प्रवृत्ति” की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह राज्यों के हितों के खिलाफ होने के साथ-साथ भारत के संविधान का भी उल्लंघन है.

सत्तारूढ. दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा, ”केंद्र में भाजपा के दस साल के शासन में कई राज्य अपने अधिकारों से वंचित हो गए हैं. शिक्षा, भाषा, वित्त और न्यायपालिका के संबंध में केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकारों को हड़पना जारी है.” स्टालिन ने 21 जनवरी को सेलम में द्रमुक की युवा शाखा के दूसरे राज्य सम्मेलन से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे एक पत्र में कहा कि राज्यपालों के कारण देश में राजनीतिक स्तर में गिरावट देखी जा रही है, जो उन्हें सौंपी गई उच्च जिम्मेदारियों के लिए ”बिल्कुल भी योग्य नहीं हैं.”

उन्होंने कहा कि द्रमुक के पास उस निराशाजनक राजनीति को लोकतांत्रिक तरीके से हराने की ताकत है, जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता धार्मिक घृणा को बढ.ावा देकर, मातृभाषा तमिल पर हिंदी और संस्कृत को थोपकर और तमिल विद्वान तिरुवल्लुवर सहित सभी का भगवाकरण करके कर रहे हैं.

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