पांच सत्रों से जारी तेजी थमी, सेंसेक्स 609 अंक फिसला

मुंबई. घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को पिछले पांच कारोबारी सत्रों से जारी तेजी थम गयी और बीएसई सेंसेक्स 609 अंक फिसल गया. वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुझानों के बीच बैंक, वित्तीय और टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों में बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा. कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट और लगातार विदेशी पूंजी की निकासी से भी निवेशक धारणा पर असर पड़ा.

बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 609.28 अंक यानी 0.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,730.16 अंक पर खिसक आया. कारोबार के दौरान एक समय यह 722.79 अंक टूटकर 73,616.65 पर भी आ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 150.40 अंक यानी 0.67 प्रतिशत गिरकर 22,419.95 अंक पर बंद हुआ. इसके साथ ही घरेलू शेयर बाजारों में पिछले पांच सत्रों से जारी तेजी थम गई. बीते पांच दिनों में मानक सूचकांकों में करीब 2.5 प्रतिशत की तेजी आई थी. साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 641.83 अंक यानी 0.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि निफ्टी में कुल 272.95 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

मेहता इक्विटीज लिमिटेड में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “लगातार पांच दिनों से तेजी का दौर चल रहा था लिहाजा बाजार में गिरावट और मुनाफावसूली की आशंका बनी हुई थी. इसके पीछे वैश्विक कारकों का भी योगदान रहा. जापानी येन के 34 साल के निचले स्तर पर गिरने और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से रुझान में बदलाव दिखा.” सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से बजाज फाइनेंस में आठ प्रतिशत की बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा. कंपनी की मार्च तिमाही के नतीजे निवेशकों को उत्साहित नहीं कर पाए. इसके अलावा बजाज फिनसर्व में भी तीन प्रतिशत की गिरावट देखी गई. इंडसइंड बैंक, नेस्ले, कोटक महिंद्रा बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर भी नुकसान के साथ बंद हुए.

इस बीच, आईटी सेवा कंपनी टेक महिंद्रा में सात प्रतिशत से अधिक की छलांग दर्ज की गई. राजस्व वृद्धि में तेजी लाने और मार्जिन बढ़ाने के एक महत्वाकांक्षी तीन साल के रोडमैप की रूपरेखा पेश करने से कंपनी के शेयरों को लेकर दिलचस्पी देखी गई. इसके अलावा विप्रो, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाइटन और एक्सिस बैंक के शेयर भी बढ़त में रहे. अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाले बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.83 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई जबकि स्मालकैप सूचकांक 0.27 प्रतिशत चढ़ गया.

जियोजीत फाइनेंशियल र्सिवसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने बाजार धारणा को प्रभावित किया. निवेशकों को अमेरिका में मंदी आने की आशंका सताने लगी है. वहीं घरेलू बाजार में कंपनियों के तिमाही नतीजों के कमजोर होने और ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चिंता देखी गई.” एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक दायरे में बंद हुए.

यूरोप के ज्यादातर प्रमुख बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी बाजारों में बृहस्पतिवार को गिरावट दर्ज की गई थी.
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.31 प्रतिशत चढ़कर 89.29 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 2,823.33 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की. बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 486.50 अंक चढ़कर 74,339.44 अंक और एनएसई निफ्टी 167.95 अंक बढ़कर 22,570.35 अंक पर पहुंच गया था.

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