सुब्बाराव का संस्मरण राष्ट्रीय हितों से धोखाधड़ी की कांग्रेस की प्रवृत्ति को दर्शाता है: स्मृति

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव के इस दावे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला कि प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम के अधीन वित्त मंत्रालय आरबीआई पर दबाव डालता था. ईरानी ने कहा कि यह राष्ट्रीय हितों के साथ कांग्रेस की “धोखाधड़ी की प्रवृत्ति” को रेखांकित करता है. अपनी हालिया किताब ‘जस्ट ए र्मिसनरी: नोट्स फ्रॉम माई लाइफ एंड करियर’ में सुब्बाराव ने कहा कि प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान वित्त मंत्रालय आरबीआई पर ब्याज दरें नरम रखने और आर्थिक वृद्धि की खुशनुमा तस्वीर पेश करने के लिए दबाव डालता था.

आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने अपने संस्मरण में यह भी लिखा कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के महत्व पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार में “समझ और संवेदनशीलता कम” थी. सुब्बाराव के उनके संस्मरण में किए गए दावे पर प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ईरानी ने कहा, “जब कांग्रेस पार्टी भारत के लोगों को धोखा देने के लिए रिजर्व बैंक को सरकार का ‘चीयरलीडर’ बनाना चाहती थी.”

उन्होंने आरोप लगाया, “आरबीआई के पूर्व गवर्नर सुब्बाराव के संस्मरण के खुलासे कांग्रेस द्वारा किए गए संस्थागत दुरुपयोग का एक ज्वलंत उदाहरण प्रदान करते हैं. कदाचार ने न केवल हमारी संस्थाओं को खतरे में डाला, बल्कि राष्ट्रीय हित के बजाय कांग्रेस की धोखाधड़ी की प्रवृत्ति को भी उजागर किया.” उन्होंने कहा, “एक मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के बजाय, उन्होंने हमारे नागरिकों को गुमराह करना चुना, एक समृद्ध देश की उनकी आकांक्षाओं को धोखा दिया. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि संप्रग के एक दशक लंबे कुशासन और कुप्रबंधन के दौरान भारत पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच गया.” लेहमैन ब्रदर्स संकट शुरू होने से कुछ दिन पहले, पांच सितंबर, 2008 को पांच साल के लिए आरबीआई के गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने से पहले सुब्बाराव वित्त सचिव (2007-08) थे. लेहमैन ब्रदर्स 16 सितंबर को दिवालिया हो गया, जिससे दुनिया भर में आर्थिक मंदी छा गई थी.

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