भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली व्यवस्था समाप्त हो चुकी है: धनखड़

नयी दिल्ली. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ऐसे समय में भूमि, समुद्र, वायु और अंतरिक्ष के क्षेत्र में “देशों की अग्रणी पंक्ति” में खड़ा है, जब देश में एक ऐसी व्यवस्था है जो सभी के लिए समान अवसर को प्रोत्साहित करती है. धनखड़ ने कहा कि व्यापक स्तर पर बदलाव लाने वाली प्रौद्योगिकियों ने पैठ बनायी है और ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत उन अग्रणी देशों में शामिल है जो इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

लोक प्रशासन पर एक पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धि का प्रदर्शन पिछले साल विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के जलावतरण और कई स्वदेशी रक्षा उपकरणों के विकास से हुआ. उन्होंने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरने का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, ”जब आपने अपना करियर शुरू किया था, हमारे देश में एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें दुर्भाग्य से संरक्षण का एक तत्व, भ्रष्टाचार का एक तत्व अंर्तिनहित था. लोग सोचते थे कि वे कानून से ऊपर हैं.” धनखड़ ने कहा कि अब, एक ऐसी व्यवस्था है जो समान अवसर प्रदान करती है. धनखड़ ने कहा कि अतीत में देश तकनीकी उन्नति में मदद के लिए दूसरे देशों की ओर देखता था.

उन्होंने कहा, ”अब हम अनुसंधान, क्वांटम कंप्यूटिंग में हैं, हम अग्रिम पंक्ति में हैं… हमारा देश उन कुछ देशों में से एक है जो 6जी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. 6जी का व्यावसायीकरण 2025 से 2030 तक होगा.” धनखड़ ने वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और दोषियों के लिए ”ऐसी सजा दिये जाने पर जोर दिया जो दूसरों के लिए नजीर बने.” हाल के दिनों में ऐसी कम से कम सात घटनाएं हुई हैं.

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