संसद में चर्चा हो ताकि पता चले कि अडाणी के पीछे कौन सी शक्ति है: राहुल

अडाणी मामले पर जवाब दें प्रधानमंत्री, लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए क्या कर रहे हैं: जयराम रमेश

नयी दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर सोमवार को अडाणी समूह से जुड़े मामले पर संसद में चर्चा को लेकर ‘भयभीत होने’ का आरोप लगाया . उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके तथा पूरे देश को यह पता चल सके कि उद्योगपति गौतम अडाणी के पीछे कौन सी शक्ति है.

इस मामले में लाखों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार होने का दावा करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरा प्रयास करेंगे कि इस मामले पर संसद में चर्चा नहीं हो. राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘काफी वर्षों से मैं सरकार के बारे में कह रहा हूं कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है. सरकार इस मसले पर चर्चा नहीं होने देना चाहती, सरकार डरी हुई है कि कहीं संसद में अडाणी जी के बारे में चर्चा न हो जाए. मगर सरकार को चर्चा होने देना चाहिए.’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी जी पूरी कोशिश करेंगे कि संसद में अडाणी जी पर चर्चा नहीं हो. इसका कारण आप जानते हैं? पूरी कोशिश होगी कि चर्चा नहीं हो.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं पिछले दो तीन साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं. मैं चाहता हूं कि चर्चा हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. लाखों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, और ंिहदुस्तान के बुनियादी ढांचे पर कब्जा किया गया है.

अडाणी जी के पीछे कौन सी शक्ति है वो भी देश को पता लगना चाहिए.’’ अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘ंिहडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है.

वहीं, अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है. अडाणी प्रकरण पर विपक्षी दल लगातार केंद्र को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह के शेयरों में हालिया गिरावट एक ‘घोटाला’ है जिसमें आम लोगों का पैसा शामिल है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उनमें निवेश किया है.

अडाणी मामले पर जवाब दें प्रधानमंत्री, लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए क्या कर रहे हैं: जयराम रमेश

कांग्रेस ने अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘चुप्पी’’ को लेकर सोमवार को सवाल खड़े किए और कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि भारतीय जीवन बीमा निगम और कई सार्वजनिक बैंकों में पैसा जमा करने वालों के हितों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह सवाल भी किया कि एलआईसी ने ‘‘जोखिम भरे’’ अडाणी समूह में भारी-भरकम निवेश कैसे कर दिया? उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि कल वादा किया गया था, ‘‘ ‘हम अडाणी के हैं कौन’ के तहत आज आपके (मोदी) लिए तीन सवालों का दूसरा सेट प्रस्­तुत है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ऐसी परिस्­थितियों से उबारना एक बात है, लेकिन अपने पूंजीपति दोस्तों को और अमीर बनाने के लिए 30 करोड़ वफादार पॉलिसी-धारकों की बचत का उपयोग करना दूसरी बात है.’’

कांग्रेस नेता सवाल किया, ‘‘एलआईसी ने जोखिम भरे अडाणी समूह में इतना बड़ा निवेश कैसे किया, जबकि निजी फंड प्रबंधकों ने भी इससे किनारा कर लिया था? क्या यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य नहीं है कि सार्वजनिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान निवेश करते समय अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों की तुलना में अधिक सजग रहें? या फिर यह आपके पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए आपके “मन की बैंंिकग” का एक और उदाहरण था?’’

रमेश यह भी पूछा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय या स्­वयं एलआईसी में से किसी ने इन संदिग्ध निवेशों के बारे में कोई ंिचता व्­यक्­त की थी? क्या ऐसी ंिचताओं को खारिज कर दिया गया था और यदि हां, तो किसके द्वारा?’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ंिहडनबर्ग के आरोपों के बाद पहली बिकवाली में एलआईसी द्वारा खरीदे गए अडानी समूह के शेयरों का मूल्य 32,000 करोड़ रुपये गिर गया, जिससे एलआईसी की स्वयं की स्­वीकारोक्ति के अनुसार, 27 जनवरी 2023 को उसके शेयरों का मूल्य 56,142 करोड़ रुपये रह गया था.

उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘क्या आप 24 जनवरी के बाद एलआईसी द्वारा अडाणी समूह में किए गए निवेश से हुए नुकसान की सही जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा करेंगे? निवेशकों की ंिचताओं को कम करने के लिए क्या कदम उठाएंगे?’’ अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘ंिहडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है. वहीं, अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है.

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