पाकिस्तान के साथ संबंध प्रगाढ़, राजनीतिक संकट से सहयोग, CPEC पर असर नहीं: चीन

बीजिंग. चीन ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को ‘अटूट और मजबूत’ बताते हुए बुधवार को कहा कि इस्लामाबाद में बढ़ते राजनीतिक संकट से सदाबहार सहयोगी के साथ 60 अरब डॉलर वाली सीपीईसी परियोजनाओं पर समग्र सहयोग प्रभावित नहीं होगा.
सतर्क रुख रखते हुए चीन पाकिस्तान में हाल में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर पैनी नजर रख रहा है.

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अमेरिकी साजिश होने के आरोपों पर संसद को भंग कर दिया गया है. विपक्षी दलों ने संसद को भंग करने और नए चुनावों की घोषणा की वैधता पर फैसला के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है.

पाकिस्तान में राजनीतिक और संवैधानिक संकट पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजनीतिक स्थिति इस्लामाबाद के साथ बीजिंग के करीबी संबंधों को प्रभावित नहीं कर सकती है. साथ ही, उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी दल देश का विकास और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एकजुट रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘चीन हमेशा दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांत का पालन करता है.’’

लिजियान ने कहा, ‘‘चीन और पाकिस्तान सदाबहार रणनीतिक साझेदार हैं. इतिहास ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि चाहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कैसा भी हो और घरेलू हालात बदल जाएं, चीन और पाकिस्तान के संबंध हमेशा अटूट और मजबूत रहेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि समग्र चीन-पाकिस्तान सहयोग और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का निर्माण पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति से प्रभावित नहीं होगा. पाकिस्तान के एक प्रगाढ़ मित्र के रूप में हम आशा करते हैं कि देश में सभी दल एकजुट रहेंगे और संयुक्त रूप से राष्ट्रीय विकास और स्थिरता को बनाए रखेंगे.’’

बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग से जोड़ने वाले 60 अरब डॉलर के सीपीईसी के तहत चीन कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है. भारत ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना सीपीईसी पर चीन के समक्ष विरोध जताया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरती है.

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