आज कांग्रेस में रहने का मतलब चमचागिरी : आचार्य प्रमोद कृष्णम

संभल. अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानबाजी के आरोप में कांग्रेस से निष्कासन के दूसरे दिन रविवार को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि आज कांग्रेस में रहने का मतलब चमचागिरी और झूठ बोलना जरूरी हो गया है. संभल के एचोंडा कंबोह में ‘कल्कि धाम’ पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया और कहा, ”यह आचार्य प्रमोद कृष्णम के निष्कासन का सवाल नहीं है, वो कांग्रेस जो महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, इंदिरा गांधी, मौलाना अबुल कलाम आजाद की कांग्रेस थी, उसको आज किस रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया गया है? महत्वपूर्ण यह है. आज कांग्रेस में रहने का मतलब चमचागिरी जरूरी, झूठ बोलना जरूरी है.”

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को एक बयान में कहा था कि अनुशासनहीनता की शिकायत और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाजी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर ह्वश्री कल्कि धामह्व के शिलान्यास समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित किया था.

आचार्य ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना जरूरी है, लेकिन मौजूदा विपक्ष विरोध के नाम पर सिर्फ एक व्यक्ति का विरोध करना जानता है. मौजूदा विपक्ष नरेन्द्र मोदी से इतनी नफरत करता है कि नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते वह भारत से नफरत करने लगा है.

कृष्­णम ने अपने निष्कासन पर खुशी जाहिर करने के साथ ही सवाल उठाते हुए कहा ”खरगे जी (कांग्रेस अध्यक्ष मिल्लकार्जुन खरगे) और वेणुगोपाल जी बताएं कि ऐसी कौन सी पार्टी विरोधी गतिविधियां थी? क्या राम का नाम लेना, क्या अयोध्या जाना, क्या अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना पार्टी विरोधी गतिविधियां हैं?” आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 2014 में संभल और 2019 में लखनऊ से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था.

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