ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने दिया ‘खुलकर जियो’ का संदेश

न्यूयॉर्क. अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने सोशल मीडिया मंच ट्विटर का नए मालिक बनने के बाद अपने ट्वीट में ‘खुलकर जियो’ का संदेश देने के साथ ही लंबे समय से र्चिचत इस अधिग्रहण को पूरा कर लिया. दुनिया के सर्वाधिक धनी व्यक्ति मस्क ने 44 अरब अमेरिकी डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण किया है. इस सौदे को पूरा करते ही उन्होंने ट्विटर के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पराग अग्रवाल तथा कानूनी मामलों की शीर्ष अधिकारी विजया गड्डे को पद से हटा दिया.

मस्क ने ट्विटर के नए मालिक के रूप में शुक्रवार सुबह एक ट्वीट किया जिसमें ‘लेट द गुड टाइम्स रॉल’ का इस्तेमाल किया. इस तरह उन्होंने ट्विटर के उपयोगकर्ताओं को खुलकर जीने की नसीहत दी. समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, मस्क ने ट्विटर को खरीदने के 44 अरब अमेरिकी डॉलर के करार को बृहस्पतिवार को पूरा किया. सौदा पूरा होने के बाद मस्क (51) ने ट्वीट किया, ‘‘पंछी आजाद हो गया.’’ सीएनएन ने कहा कि इस सौदे के पूरा होने के साथ ही ट्विटर के कारोबार, इसके कर्मचारियों और शेयरधारकों के बीच बनी हुई संशय की स्थिति अब दूर हो गई है.

अंदरूनी स्थिति से परिचित लोगों के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि मस्क ने ट्विटर का सफाई अभियान शुरू कर दिया है और इसकी शुरुआत कम से कम चार कार्यकारी अधिकारियों को नौकरी से हटाकर की गई है. खबर के मुताबिक, ट्विटर के जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनमें अग्रवाल और गड्डे के अलावा मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और जनरल काउंसिल सीन एजेट शामिल हैं. अग्रवाल (38) को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे और स्टैनफॉर्ड यूनिर्विसटी से पढ़ाई कर चुके अग्रवाल ने एक दशक से अधिक समय पहले ट्विटर में नौकरी शुरू की थी. उस समय कंपनी में 1,000 से भी कम कर्मचारी हुआ करते थे. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, ‘‘पिछले साल ट्विटर के सीईओ नियुक्त किए गए अग्रवाल की मस्क के साथ सार्वजनिक और निजी रूप से कहा-सुनी हो गई थी.

मस्क ने ‘कंटेंट मॉडरेशन’ (आॅनलाइन सामग्री की निगरानी और छंटनी की प्रक्रिया) को लेकर हुए निर्णयों के मामले में गड्डे की भूमिका की भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.’’ ट्विटर के सह-संस्थापक बिज स्टोन ने इन अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘पराग, विजया और नेड सेगल ट्विटर में योगदान के लिए आपका आभार. बहुत ही प्रतिभाशाली होने के साथ-साथ बहुत अच्छे इंसान भी.’’ इसके साथ ही मस्क ने ट्विटर पर अपने विवरण को बदलकर ‘चीफ ट्विट’ कर दिया है.

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर के स्वामित्व में हुए परिवर्तन को लेकर पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘‘सरकार के लिए यह मायने नहीं रखता कि कंपनी का मालिक कौन है. हमारे कानून और नियम सभी सोशल मीडिया मंचों पर लागू होते हैं, फिर चाहे कंपनी का मालिक कोई भी हो.’’ ट्विटर पर बोलने की आजादी देने के मस्क के दावे ने कई लोगों को इस नेतृत्व परिवर्तन से उत्साहित किया है. वे लोग ज्यादा खुश हैं जिन्हें नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर ट्विटर से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी मस्क के ट्विटर को खरीदने के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम का सहारा लिया. कंगना को पिछले साल ट्विटर ने गलत आचरण और अपमानजनक व्यवहार के नियमों का हवाला देते हुए मंच से प्रतिबंधित कर दिया गया था. भारत सोशल मीडिया कंपनियों के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है और ट्विटर पर भी यह बात बखूबी लागू होती है. हालांकि ट्विटर का सरकार के साथ टकराव रहा है. हाल में नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों की अनुपालन को लेकर भी सरकार और मंच आमने-सामने खड़े हो गए थे.

वहीं, मस्क का खुद आयात शुल्क को लेकर सरकार के साथ गतिरोध का रिकॉर्ड रहा है. टेस्ला दरअसल उच्च आयात शुल्क को करना चाहती है. जबकि स्थानीय कंपनियों ने इसका विरोध किया है. उल्लेखनीय है कि ट्विटर का कई सरकारी विभाग, राजनेताओं और कारोबारियों द्वारा अपने विचारों और सूचनाओं को साझा करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने ट्वीट किया, ”एलन मस्क द्वारा अधिग्रहण के बाद ट्विटर में विकेट गिर रहे हैं, इसलिए भारत में ‘अर्बन नक्सल’ को निश्चित रूप से चिंतित होना चाहिए.” एक अन्य फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी की एक तस्वीर पोस्ट की, जो हाथ में एक पोस्टर पकड़े हैं. इस पोस्टर में ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को तोड़ने की अपील की गई है. अग्निहोत्री ने लिखा, ”वे ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को तोड़ना चाहते थे, लेकिन उन्होंने खुद को तोड़ लिया. ब्राह्मणवादी न्याय का एक उदाहरण. धन्यवाद एलन मस्क.”

कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देने में सावधानी बरतने की बात कही. कांग्रेस के पूर्व नेता और लेखक संजय झा ने कहा कि अधिग्रहण के तुरंत बाद ट्विटर की शीर्ष टीम को बाहर करने से नेतृत्व के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने मस्क के व्यवहार की तुलना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ की. एक स्तंभकार और पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके बाद समाज वामपंथ और दक्षिणपंथ के बीच अधिक विभाजित हो जाएगा.

इस अधिग्रहण के बाद सोशल मीडिया मंचों पर मजेदार वीडियो और हास्य-विनोद वाले पोस्ट की बाढ़ आ गई. ऐसी एक ‘मीम’ वायरल हुई है, जिसमें मुस्कुराते हुए मस्क को ‘मारवेल एवेंजर्स’ फिल्म के खलनायक थानोस के रूप में दिखाया गया है. ऐसी ही एक अन्य मीम में मस्क को कार की खिड़की से बाहर झुका हुआ दिखाया गया है, जिसमें वह एक विक्रेता से पक्षी खरीद रहे हैं और उसे एक-एक कर आजाद कर रहे हैं.

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