प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ‘पांच नाजुक’ से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना: शाह

मुंबई. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पांच ‘नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. शाह ने यहां ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ के वार्षिक निवेश शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत नाजुक थी, मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर थी और राजकोषीय घाटा भी नियंत्रण से बाहर था.

उन्होंने कहा कि आज भारत एक नीति-संचालित देश के रूप में उभरा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार चार लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा. शाह ने कहा, ”हमने 2025 तक अंतरिक्ष में स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी और 2040 तक एक व्यक्ति को चंद्रमा पर भेजने की योजना भी है.”

उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कहा, ”हम अपनी सरकार के पिछले 10 वर्षों के प्रदर्शन और अगले 25 साल की रूपरेखा के साथ चुनाव में उतर रहे हैं.” शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘दूरदर्शी प्रधानमंत्री’ बताते हुए कहा कि वर्ष 2047 में आजादी के सौ साल पूरा होने तक भारत पूरी तरह से विकसित, आत्मनिर्भर और दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.

गृह मंत्री ने कहा, ”भारत आत्मविश्वास से भरा और आत्मनिर्भर देश है. इसने खुद को एक नि्क्रिरय सरकार से एक गतिशील सरकार में, प्रतिगामी से प्रगतिशील विकास में और एक नाजुक अर्थव्यवस्था से शीर्ष अर्थव्यवस्था में बदल दिया है.” उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हुई प्रगति की तुलना संप्रग सरकार के शासनकाल से की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ”जबतक आप यह नहीं जानते कि गड्ढा कितना गहरा है, आप प्रगति को नहीं समझ सकते हैं.”

शाह ने कहा, ”संप्रग सरकार के 10 साल देश की वृद्धि गाथा से लगभग नदारद थे. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन के दौरान मुद्रास्फीति दहाई अंक में पहुंच गई, हमारी सरकार ने इसे पांच प्रतिशत से नीचे रखा है. यूपीए के कार्यकाल में 12 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न घोटालों से देश का भरोसा डगमगा गया था, साठगांठ वाला पूंजीवाद अपने चरम पर था.”

उन्होंने कहा, ”राजकोषीय घाटा नियंत्रण से बाहर था, और हम व्यापार सुगमता की रैंकिंग में सबसे नीचे थे. देश की रेटिंग में गिरावट आई, जबकि बैंक अपने बही-खातों को लेकर परेशान थे. देश को 30 वर्षों तक राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा.” शाह ने कहा कि कांग्रेस के बाद भाजपा एकमात्र पार्टी बनी जो पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई.

उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक औसत मुद्रास्फीति दर 8.2 प्रतिशत थी और 2010-11 और 2013-14 के बीच दहाई अंक में थी.
शाह ने कहा, ”संप्रग सरकार के 10 साल देश की वृद्धि गाथा से लगभग नदारद थे. आप उन वर्षों को खोज ही नहीं सकते हैं. वृद्धि के नाम पर उन 10 वर्षों में कुछ भी नहीं हुआ था. ऐसे हालात में मोदी जी ने देश की बागडोर संभाली थी.” शाह ने कहा कि देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2013-14 में 6.9 प्रतिशत थी और आज यह 8.4 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा, ”संप्रग कार्यकाल में प्रति व्यक्ति जीडीपी 3,889 डॉलर थी, जो मोदी सरकार के दौरान बढ़कर 6,000 डॉलर हो गई. संप्रग के समय में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का मूल्य 7.6 अरब डॉलर था, जो मोदी सरकार के तहत बढ़कर 23 अरब डॉलर हो गया.” शाह ने कहा,”विदेशी मुद्रा भंडार भी 305 अरब डॉलर से बढ़कर 600 अरब डॉलर हो गया. 2014 से पहले देश में 350 स्टार्ट-अप थे, जो अब 1,17,000 हो गए हैं.” उन्होंने कहा कि जहां 2012 में प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 4.7 करोड़ थी, वहीं भाजपा सरकार के केवल 10 साल में यह लगभग दोगुनी होकर 8.11 करोड़ हो गई है.

शाह ने कहा, ”देश को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 67 साल लगे और अगले आठ वर्षों में यह दोगुना हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने केवल पांच साल में देश को तीन लाख करोड़ डॉलर डॉलर की अर्थव्यवस्था बना दिया. मेरा अनुमान है कि इस साल के अंत तक यह चार लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगी. 2027 तक हम सात लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था होंगे.” उन्होंने कहा, ”2047 तक हम पूरी तरह से विकसित देश और ‘विश्वगुरु’ बन जाएंगे. यह भारतीय कंपनियों के लिए अपने पैमाने तथा आकार का विस्तार करने का समय है.”

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