ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण मामले में फैसला सुरक्षित

प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण कराने के वाराणसी की अदालत के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा. उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी.

उल्लेखनीय है कि आठ अप्रैल, 2021 को वाराणसी की अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का समग्र सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया था. हिंदू पक्ष की ओर से गत 11 नवंबर को पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने दलील दी थी कि तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए जांच कराई जानी चाहिए.

उन्होंने कहा था, ‘‘इस मामले में प्रथम दृष्टया सच्चाई सामने के लिए एएसआई द्वारा सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए क्योंकि विवादित परिसर को नंगी आंख से देखने पर यह स्पष्ट है कि यह मंदिर का हिस्सा है और सर्वेक्षण की कार्यवाही जारी रहनी चाहिए.’’ याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वाराणसी की अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. इसके बाद, उच्च न्यायालय ने नौ सितंबर, 2021 को वाराणसी की अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी. मूल वाद में उस जगह जहां ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है, प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर को बहाल किए जाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मस्जिद, उस मंदिर का हिस्सा है.

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