उमेश पाल की हत्या से पहले अशरफ से बरेली जेल में असद की मुलाकात का वीडियो सार्वजनिक

अतीक, अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच कराने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई 28 अप्रैल को

बरेली/नयी दिल्ली. प्रयागराज में उमेश पाल और दो पुलिसर्किमयों की हत्­या में नामजद किये गये असद एवं अन्­य शूटरों का बरेली जेल से निकलते हुए एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है. पुलिस मामले में विधिक कार्रवाई कर रही है. प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल एवं दो पुलिसर्किमयों की 24 फरवरी को धूमनगंज इलाके में हुई हत्­या के मामले में नामजद शूटरों का रविवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया. उसमें बरेली जिला जेल से माफिया एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी निकलते हुए दिख रहे हैं.

बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी ने बताया कि बरेली जेल में अशरफ से मिलने आए शूटरों का वीडियो सार्वजनिक हुआ है. उन्­होंने कहा कि जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि 12 फरवरी का यह वीडियो अतीक के भाई पूर्व विधायक अशरफ से जेल में असद एवं उसके सहयोगियों की मुलाकात के बाद निकलते समय का है. यह विशेष जांच दल (एसआईटी) के हाथ लगा है और इस अवैध मुलाकात की पुष्टि हो चुकी है.

वीडियो में अतीक के बेटे असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान एवं अन्य आरोपी एक साथ निकलते दिख रहे हैं. जेल प्रशासन ने बाकायदा, शूटरों का जेल से निकलते वीडियो भी बरेली पुलिस एवं प्रयागराज पुलिस को सौंपा. गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में चिकित्सकीय परीक्षण के लिए मेडिकल कालेज ले जाते समय पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और अशरफ पर तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर उनकी हत्­या कर दी. इसके दो दिन पहले झांसी में उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने एक मुठभेड़ में असद और गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया था. इसके पहले छह मार्च को उस्­मान भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, जबकि गुड़डू मुस्लिम फरार है.

अतीक, अशरफ, असद, गुलाम और गुडडू मुस्लिम समेत कई आरोपी उमेश पाल और दो पुलिसर्किमयों की हत्­या के मामले में नामजद किये गये थे. पुलिस ने रिमांड पर अतीक को गुजरात की साबरमती जेल तथा अशरफ को बरेली जेल से लेकर पूछताछ के लिए प्रयागराज ले गयी थी, जहां 15 अप्रैल की रात दोनों की हत्­या कर दी गयी.

उमेशपाल एवं दो पुलिसर्किमयों के हत्याकांड के बाद बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में अतीक के भाई अशरफ, उसके साले सद्दाम, गुर्गे लल्ला गद्दी, जेल वार्डन शिवहरि अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे, जेल अधिकारी, कर्मचारी एवं अज्ञात के खिलाफ षड्यंत्र रचने, रंगदारी, अपराधियों को संरक्षण देने और अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी. लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपियों को इस आधार पर जेल भेजा गया कि वे अशरफ के साले सद्दाम के लिए काम करते थे. सद्दाम एवं लल्ला गद्दी के जरिये ही आरोपी बरेली जिला जेल में अवैध रूप से अशरफ से मिले.

एसटीएफ की जांच में अतीक अहमद के बेटे असद का आधार कार्ड पर्ची के साथ मिला था. सात-आठ लोग 11 फरवरी को दोपहर एक बजकर 22 मिनट पर जेल आए थे और तीन बजकर 14 मिनट पर वे वहां से गये. वे पौने दो घंटे जेल में रहे.

अतीक, अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच कराने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई 28 अप्रैल को

उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया. गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद (60) और उसके भाई एवं पूर्व विधायक अशरफ की 15 अप्रैल की रात को मीडिया से बातचीत के दौरान तीन हमलावरों ने नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के समय अतीक और अशरफ को पुलिस चिकित्सा जांच करवाने के लिये अस्पताल लेकर जा रही थी .

वकील विशाल तिवारी के जरिए दायर याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच कराने का भी अनुरोध किया गया है. तिवारी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मामले को सोमवार को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया. उन्होंने पीठ को बताया कि उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी थी लेकिन इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया.

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘चूंकि पांच न्यायाधीश उपलब्ध नहीं हैं तो जिन कुछ मामलों में तारीखें दी गयी थीं, उन्हें सूचीबद्ध नहीं किया गया है. हम शुक्रवार (28 अप्रैल) को इसे सूचीबद्ध करने की कोशिश करेंगे.’’ उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के कुछ न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि कुछ अन्य वजहों से उपलब्ध नहीं हैं.

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