बजट सत्र तक बढ़ सकता है वक्फ समिति का कार्यकाल

कुल 58,929 वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण: सरकार

नयी दिल्ली. वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. इस संदर्भ में एक प्रस्ताव बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल के नेतृत्व में बुधवार को हुई बैठक में सदस्यों ने इस संदर्भ में एक प्रस्ताव पर सर्वसम्मति व्यक्त की.

बैठक में एक प्रस्ताव के माध्यम से निर्णय लिया गया कि समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह करेगी कि समिति का कार्यकाल अगले साल के बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाया जाए. समिति ने कार्यकाल बढ़ाने का कदम ऐसे समय उठाने का फैसला किया है जब हाल ही में पाल ने कहा था कि रिपोर्ट तैयार है. सरकार की तरफ से भी पहले कहा गया था कि संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक लाया जाएगा.

पाल ने बैठक के बाद बुधवार को कहा कि सदस्यों की राय थी कि कई राज्यों के अधिकारियों को अभी बुलाया जाना है, ऐसे में समिति का कार्यकाल कुछ समय के लिए बढ़ाए जाने का आग्रह किया जाए. उन्होंने कहा, ”छह राज्य ऐसे हैं जहां कई सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड खुद का दावा कर रहे हैं. इस बारे में हमने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव से पूछा था. सचिव ने कहा कि जवाब मांगा गया है कि लेकिन उनसे जवाब नहीं आया है.” पाल का कहना था कि राज्यों के अल्पसंख्यक मामलों के सचिवों और मुख्य सचिवों को बुलाया जाना है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि समिति लोकसभा अध्यक्ष से 2025 के बजट सत्र के आखिरी दिन तक सदन में अपनी रिपोर्ट जमा करने का समय बढ़ाने का अनुरोध करेगी. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि समिति का कार्यकाल बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव बृहस्पतिवार को सदन में आ सकता है. लोकसभा ने समिति को (गत सोमवार से शुरू हुए) संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था.

इससे पहले, समिति में शामिल विपक्षी सदस्य बुधवार को समिति की बैठक से यह आरोप लगाते हुए बाहर निकल गए थे कि इसकी प्रक्रिया मजाक बनकर रह गई है. हालांकि, वे यह संकेत मिलने पर एक घंटे बाद बैठक में वापस लौट आए कि समिति अध्यक्ष जगदम्बिका पाल कार्यकाल विस्तार की मांग करेंगे.

कांग्रेस के गौरव गोगोई, द्रमुक के ए. राजा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल के आचरण का विरोध किया और आरोप लगाया कि वह उचित प्रक्रिया पूरी किए बिना 29 नवंबर की समयसीमा तक इसकी कार्यवाही पूरी करने के इच्छुक हैं.

गोगोई ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संकेत दिया था कि समिति का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कोई ”बड़ा मंत्री” पाल को निर्देशित कर रहा है. तृणमूल सांसद बनर्जी ने कहा, ”यह एक मजाक है.” समिति की अब तक 25 से अधिक हुई बैठकों में कई मौकों पर पाल और विपक्षी सदस्यों के बीच गतिरोध देखने को मिला है. विपक्षी सदस्यों ने पाल पर मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगाया था जिसका भाजपा सांसद ने खंडन किया था.

सरकार ने वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक गत आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया था जिसे सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक एवं चर्चा के बाद संयुक्त समिति को भेजने का फैसला हुआ था. इस विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है, जिनमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है.

वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है. विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं. यह संशोधन विधेयक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं तथा गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है.
भाषा हक

कुल 58,929 वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण: सरकार

सरकार ने बुधवार को कहा कि देश में कुल 58,929 वक्फ संपत्तियां अतिक्रमण का सामना कर रही हैं, जिनमें से 869 कर्नाटक में हैं. लोकसभा में भाजपा सदस्य बसवराज बोम्मई के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने यह जानकारी दी.

रीजीजू ने कहा कि मंत्रालय और केंद्रीय वक्फ परिषद (सीडब्ल्यूसी) को समय-समय पर वक्फ संपत्तियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में शिकायतें मिली हैं. उन्होंने कहा कि उचित कार्रवाई के लिए इन्हें राज्य वक्फ बोर्डों और संबंधित सरकारों को भेज दिया गया.
उन्होंने कहा, ”डब्ल्यूएएमएसआई (वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया) पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, 58,929 वक्फ संपत्तियां अतिक्रमण का सामना कर रही हैं, जिनमें से कर्नाटक में 869 ऐसी वक्फ संपत्तियां हैं.” मंत्री ने बताया कि वक्फ अधिनियम की धारा 54 और 55 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्डों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास वक्फ संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जे और अतिक्रमण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की शक्ति है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button