सीबीआई को पश्चिम बंगाल सीआईडी ने शाहजहां शेख की हिरासत सौंपी

कोलकाता. पश्चिम बंगाल सीआईडी ने संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के मामले में मुख्य आरोपी शाहजहां शेख की हिरासत अंतत: बुधवार शाम को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी. सीआईडी ने यह कदम कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा उसे केंद्रीय एजेंसी को सौंपने के लिए लगातार दो दिन दिए निर्देश के बाद उठाया.

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने और मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने के उसके मंगलवार के आदेश को ”तुरंत लागू” करे.

सीबीआई अधिकारियों की टीम अपराह्न चार बजे से पहले ही भवानी भवन पहुंच गई. लेकिन सीआईडी ने शाहजहां को केंद्रीय एजेंसी के हवाले शाम छह बजकर 48 मिनट पर किया जबकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपराह्न चार बजकर 15 मिनट की समय सीमा तय की थी.

सीआईडी के अधिकारी ने बताया, ”शाहजहां शेख को सीबीआई के हवाले कर दिया गया है.” सीआईडी शेख को सीबीआई के हवाले करने से पहले चिकित्सा जांच के लिए सरकारी अस्पताल ले गई. सीबीआई अधिकारियों द्वारा शाहजहां को ईएसआई अस्पताल और उसके बाद शहर में एजेंसी के कार्यालय निजाम प्लेस ले जाए जाने की संभावना है.

ईडी अधिकारियों की एक टीम पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में शेख के घर पर पांच जनवरी को छापा मारने गई थी और भीड़ ने उसपर हमला कर दिया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शंकर घोष ने कहा, ”यह बहुत ही शर्मनाक है. कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा अपराह्न 4:15 मिनट की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद शाहजहां शेख को सौंपा नहीं गया है. यह साबित करता है कि न्यायपालिका के प्रति तृणमूल कांग्रेस सरकार का कोई सम्मान नहीं है.”

केंद्रीय एजेंसी मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बावजूद पश्चिम बंगाल सीआईडी (अपराध अन्वेषण विभाग) से नहीं ले पाई थी. सीआईडी ने कहा था कि संदेशाखाली के नेता शेख को केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपा गया, क्योंकि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने अर्जी को तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और राज्य के वकील से मामले का उल्लेख रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष करने को कहा.

संदेशखाली में महिलाओं पर कथित अत्याचार करने के मामले में शाहजहां मुख्य आरोपी है और उसे गत बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बाद में इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल सीआईडी को सौंप दी गई थी. इससे पहले दिन में, ईडी ने राज्य सरकार के खिलाफ न्यायमूर्ति हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक अवमानना याचिका दायर की. इसमें दावा किया गया कि उसने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली पीठ के मंगलवार के आदेशों को लागू नहीं किया.

अदालत ने रेखांकित किया कि राज्य ने दलील दी है कि उसने मंगलवार के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है, लेकिन जबतक शीर्ष अदालत आदेश पारित नहीं करती तब तक उसके आदेशों के कार्यान्वयन पर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई गई है. ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दावा किया कि राज्य सरकार शेख की हिरासत सीबीआई को देने में देरी करने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी को अधिकतम 15 दिनों तक हिरासत में रख सकते हैं और पहले ही करीब एक सप्ताह से शेख राज्य पुलिस की हिरासत में है. उत्तर 24 परगना में स्थित संदेशखाली से करीब 30 किलोमीटर दूर मीनाखान से शहजहां शेख को 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और स्थानीय अदालत ने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि एसएलपी के लंबित रहने पर उच्च न्यायालय के आदेश तब तक रोक नहीं है जब तक कि इस आशय का कोई स्पष्ट आदेश न हो. पीठ ने कथित अवमाननाकर्ताओं को तारीख से दो सप्ताह के भीतर अवमानना आवेदन पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि ईडी उसके बाद एक सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करे, अगर कोई हो तो. अदालत ने कहा कि अवमानना याचिका पर तीन सप्ताह के बाद सुनवाई होगी.

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