पश्चिम बंगाल शिक्षक घोटाला : पार्थ चटर्जी की सहयोगी के एक और फ्लैट से मिली भारी मात्रा में नकदी

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट से बुधवार को भारी मात्रा में नकदी मिली. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. मुखर्जी को राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी का करीबी माना जाता है, जिन्हें एजेंसी ने इसी मामले में गिरफ्तार किया है. ईडी ने मुखर्जी को उनके दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट से 21 करोड़ रुपये की नकदी मिलने के एक दिन बाद 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था.

अधिकारी ने बताया कि इस बार उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से नकदी मिली है जिसकी मालकिन मुखर्जी हैं. अधिकारी ने कहा कि बेलघरिया के रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट को ताला तोड़कर खोला गया क्योंकि उनकी चाबी नहीं मिली.
अधिकारी से जब ‘‘ पीटीआई-भाषा’ ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया, ‘‘हमें हाउंिसग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है. हमने रुपयों की गिनती के लिए तीन मशीनें मंगवाई हैं, ताकि पता चले कि वास्तव में कितनी राशि है.’’ उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई ‘‘अहम’’ दस्तावेज बरामद हुए हैं.

मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी. अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का ‘‘रवैया असहयोगात्मक’’ है.

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की अनुशंसा पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है. वहीं, ईडी घोटाले में धनशोधन के कोण से जांच कर रहा है. उल्लेखनीय है कि जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे.

गिरफ्तार मंत्री को ममता बनर्जी कैबिनेट में क्यों बरकरार रखा गया है: शुभेंदू अधिकारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदू अधिकारी ने बुधवार को सवाल किया कि कथित स्कूल नौकरी घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पार्थ चटर्जी को मंत्री के रूप में क्यों बरकरार रखा गया है. अधिकारी ने यहां राजभवन में राज्यपाल ला गणेशन से मुलाकात करके उद्योग, वाणिज्य और संसदीय मामलों के मंत्री चटर्जी को मंत्री पद से हटाने की मांग की.

अधिकारी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘इतनी सूचना और सबूत के बावजूद उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया.’’ 2020 में भाजपा में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी सरकार में एक मंत्री रह चुके अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह ‘‘उनकी यह दिखाने की रणनीति है कि वह अच्छी हैं और अन्य नहीं.’’ मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अदालत में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

चटर्जी और उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को ईडी ने गिरफ्तार किया था, जो सरकार प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में कथित शिक्षक भर्ती अनियमितताओं में शामिल धन कहां से आया और कहां गया, इसकी जांच कर रहा है.
मुखर्जी के आवास से कथित तौर पर करोड़ों रुपये नकद और अन्य कीमती सामान बरामद किया गया . पीटीआई-भाषा इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका. जब स्कूल नौकरी घोटाला हुआ तब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. एक विशेष ईडी अदालत ने दोनों को तीन अगस्त तक के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है.

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