निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड पर बात करना क्यों आपत्तिजनक लगा: कांग्रेस

प्रधानमंत्री मोदी और केरल के मुख्यमंत्री विजयन एक जैसे हैं : कांग्रेस

नयी दिल्ली/कन्नूर. कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ से कुछ पोस्ट हटाए जाने संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार के ‘काले कारनामे’ के बारे में बताने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है. पार्टी की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने यह सवाल भी किया कि आखिर निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड के बारे में बात करना क्यों आपत्तिजनक लगा.

दरअसल, निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के कारण सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ को वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के चुनिंदा पोस्ट हटाने का मंगलवार को आदेश दिया. इस संबंधी आदेश दो अप्रैल और तीन अप्रैल को जारी किए गए थे और आयोग द्वारा 10 अप्रैल को इस संबंध में एक और ईमेल भेजा गया जिसमें उसने कहा कि ‘एक्स’ द्वारा इन चार पोस्ट को नहीं हटाने पर इसे ”जानबूझकर आचार संहिता के उल्लंघन” का मामला माना जाएगा.

सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ”सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व का ट्विटर) ने एक खबर साझा की जिसमें उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से चार हैंडल के ट्वीट हटाने का निर्देश आया है. हालांकि, एक्स का कहना है- हम अभिव्यक्ति की आजादी में रुकावट नहीं डालना चाहते, लेकिन हमारे पास यह निर्देश आया, इसलिए हमें ऐसा करना पड़ा.” उन्होंने कहा, ”अगर कोई व्यक्ति ‘हेट स्पीच (नफरत भरा भाषण)’ दे रहा है, धर्म का इस्तेमाल कर रहा या किसी व्यक्ति के खिलाफ भद्दी टिप्पणियां कर रहा है तो वह उल्लंघन होता है. लेकिन डिलीट हुई पोस्ट में चुनावी बॉण्ड के बारे में उस सच की बात की गई थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिसे छिपाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं.” कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि आखिर चुनाव आयोग को चुनावी बॉण्ड पर बात करना क्यों आपत्तिजनक लगा? उन्होंने आरोप लगाया कि आज मोदी सरकार के ‘काले कारनामे’ बताने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री ने 2014 की उम्मीदों पर पानी फेरा, 2024 में उनका जाना तय: कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बयान को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और दावा किया कि प्रधानमंत्री ने 2014 की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, 2019 से लोगों के साथ विश्वासघात किया और अब 2024 में उनका सत्ता से बाहर होना तय है. प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को असम में एक चुनावी जनसभा में कहा कि वह 2014 में लोगों के बीच आशा, 2019 में विश्वास और 2024 में गारंटी लेकर आए.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री मोदी का दावा है कि वह 2014 में आशा के साथ, 2019 में विश्वास के साथ और 2024 में अपनी गारंटी के साथ लोगों के पास आए. हकीकत में, उन्होंने 2014 की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, 2019 से लोगों के साथ विश्वासघात किया है और अब 2024 में उनका सत्ता से बाहर होना तय है.” उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री और भाजपा के चुनावी अभियान से पूर्वोत्तर से जुड़े प्रमुख मुद्दे गायब हैं. रमेश ने कहा, ”मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों को हर मोर्चे पर निराश किया है. मणिपुर में हिंसा, पूर्वोत्तर के लिए आवंटित धन का लगातार कम उपयोग, जंगल संबंधी खतरा, अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ, नगा शांति वार्ता का सुस्त पड़ना, कई ऐसे मुद्दे हैं जो उनके अभियान से गायब हैं.”

प्रधानमंत्री मोदी और केरल के मुख्यमंत्री विजयन एक जैसे हैं : कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया केरल यात्रा से उपजी राजनीतिक हलचल राज्य में अभी थमी नहीं है और कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मोदी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे दोनों एक-दूसरे के समान नहीं हैं, लेकिन राज्य के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि वे एक ही हैं.

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीसन ने यहां कन्नूर के पास पनूर में संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही. मुख्यमंत्री विजयन पर तीखा प्रहार करते हुए सतीसन ने कहा कि पिछले एक महीने से उन्होंने मोदी के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला लेकिन वह लगातार कांग्रेस और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की आलोचना कर रहे हैं.

सतीसन ने आरोप लगाया कि केरल में अपनी हालिया चुनावी रैलियों के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ मोदी के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय भी मुख्यमंत्री विनम्र और सतर्क थे. उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों अब लोगों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं. लेकिन राज्य के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि वे एक ही हैं.”

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