सुरक्षा की स्थिति अच्छी है तो अमित शाह जम्मू से कश्मीर की यात्रा क्यों नहीं कर लेते: राहुल

श्रीनगर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति को लेकर रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर इस केंद्रशासित प्रदेश में सुरक्षा की स्थिति अच्छी है तो फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू से कश्मीर तक की यात्रा क्यों नहीं कर लेते? उन्होंने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की लद्दाख की मांग को पूरा किया जाना चाहिए.

हालांकि राहुल गांधी इस सवाल को टाल गए कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एवं कुछ अन्य दलों की मौजूदगी वाले गुपकर गठबंधन का हिस्सा बनेगी. यह पूछे जाने पर कि भाजपा के लोग जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार का दावा करते हैं तो राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यहां पर तो टारगेट किंिलग हो रही है, बम विस्फोट हो रहे हैं. अगर सुरक्षा हालात में सुधार हुआ होता तो सुरक्षा से जुड़े लोग मेरे साथ जो बातचीत कर रहे हैं, वो नहीं होती. (अगर स्थिति ठीक है तो) भाजपा के लोग जम्मू से लालचौक तक यात्रा करें.’’ उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘अगर सुरक्षा की स्थिति बहुत अच्छी है तो अमित शाह जम्मू से कश्मीर तक की यात्रा क्यों नहीं कर लेते?’’ राहुल गांधी के मुताबिक, वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की जो भी मदद कर सकते हैं, वो करने के लिए खुले दिल से आये हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मोहब्बत और लोगों को सुनना एक शक्तिशाली चीज है. मैं इसके राजनीतिक पहलुओं पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.’’ उनसे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की ओर से 1948 में जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए वादे के बारे में सवाल किया गया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान खत्म किए जाने से जुड़े सवाल पर कहा कि कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति के प्रस्ताव में अपना रुख स्पष्ट किया था और वही पार्टी का रुख है. इससे पहले, राहुल गांधी ने रविवार को अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत श्रीनगर में लाल चौक के ऐतिहासिक घंटाघर पर कड़ी सुरक्षा के बीच राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

विपक्ष में मतभेद हैं, लेकिन वह साथ खड़ा होगा और लड़ेगा : राहुलगर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि विपक्ष में मतभेद हैं, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और लड़ेगा. उन्होंने “भारत जोड़ो यात्रा ” के तहत पदयात्रा की समाप्ति के बाद संवादादाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि एक तरफ कांग्रेस का नजरिया है और दूसरी तरफ भाजपा और आरएसएस का अहंकार एवं नफरत का नजरिया है.

राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता से जुड़े सवाल पर कहा, “आप किस आधार पर कह रहे हैं कि विपक्ष बिखर चुका है. विपक्षी एकता बातचीत और एक दृष्टिकोण के बाद आती है. यह कहना सही नहीं है कि विपक्ष बिखरा हुआ है. मतभेद हैं… लेकिन विपक्ष साथ खड़ा होगा, लड़ेगा. ” उनका कहना था, “यह विचारधारा की लड़ाई है.एक तरह भाजपा और आरएसएस की विचारधारा है, दूसरी तरफ गैर भाजपा और गैर आरएसएस ताकतें हैं.”

उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब सोमवार को यात्रा के समापन समारोह के लिए कांग्रेस ने 20 से अधिक विपक्षी दलों को निमंत्रण दिया है . हालांकि कई दलों ने इसमें शामिल होने में अपनी ओर से असमर्थता जताई है. यात्रा के संदर्भ में राहुल गांधी ने कहा, “मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. लाखों लोगों से मिला. यात्रा का लक्ष्य भारत को जोड़ने का था , नफरत और ंिहसा के खिलाफ यह यात्रा थी. जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है.”

उन्होंने यह भी कहा, “किसान, मजदूर, बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनने को मिली. मेरे लिए यह शायद यह ंिजदगी का सबसे सुंदर अनुभव रहा.” राहुल ने कहा, “इस यात्रा ने एक वैकल्पिक नजरिया दिया है. भाजपा आरएसएस ने नफरत और अहंकार का नजरिया दिया है. अब ंिहदुस्तान के सामने ये दो रास्ते ही नहीं, जीने के तरीके भी हैं.

उन्होंने साथ ही कहा कि जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा और लोकतान्त्रिक प्रक्रिया बहाल होनी चाहिए. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का 4,080 किलोमीटर के सफर के बाद श्रीनगर में कल 30 जनवरी को संपन्न होगी . 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई ये यात्रा देश भर के विभिन्न राज्यों के 75 जिलों से होकर गुजरी .

चीन के साथ सख्ती से निपटने की जरूरत है: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि चीन के साथ सख्ती से निपटने और स्पष्ट करने की जरूरत है कि ‘हम यह बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं कि वह हमारी जमीन पर बैठा हुआ है.’ उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत पदयात्रा के समापन के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार लगातार इससे इनकार करती रही है कि चीन ने हमारी जमीन नहीं ली है और उसका यह रुख बहुत खतरनाक है क्योंकि इससे चीन का ऐसी आक्रामक कार्रवाईयां करने का हौंसला और बढ़ेगा.’’

उनका कहना था, ‘‘मुझे लगता है कि चीन के साथ सख्ती से निपटने की जरूरत है और उसे यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि वह हमारी जमीन पर बैठा हुआ है और इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘मैंने हाल ही में कई पूर्व सैन्यर्किमयों से मुलाकात की. लद्दाख के लोगों से मिला. उन्होंने स्पष्ट बताया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन ले ली है.’’ राहुल गांधी ने यह दावा भी किया कि यह धारणा बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शायद इकलौते व्यक्ति हैं कि चीन ने भारत की कोई जमीन नहीं हथियाई है.

उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब इससे एक दिन पहले ही, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए शनिवार को कहा था कि कुछ लोग जानबूझकर चीन मुद्दे के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं. जयशंकर ने यह भी कहा था कि 1962 में चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया था, जबकि कुछ लोग ऐसा बताते हैं कि यह हाल ही में हुआ है.

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