गुजरात में तीन वर्ष में 25,478 लोगों ने आत्महत्या की, राज्य सरकार की व्यवस्थागत विफलता: खरगे
नयी दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को दावा किया कि गुजरात में पिछले तीन वित्त वर्ष में 25,478 लोगों ने आत्महत्या की है जो राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार की व्यवस्थागत विफलता को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों की पारदर्शी जांच होनी चाहिए और उन मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए जो आत्महत्या जैसे कदम के कारण बनते हैं.
खरगे ने एक बयान में कहा, ”गुजरात सरकार द्वारा राज्य में बढ़ती हुई आत्महत्या दरों पर प्रस्तुत आंकड़े बेहद परेशान करने वाले है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. राज्य विधानसभा में प्रस्तुत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, 495 छात्रों सहित 25,478 व्यक्तियों ने दुखद रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया है.” उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन दुखद घटनाओं के पीछे मुख्यत? मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधित रोग, गंभीर शारीरिक बीमारियां, पारिवारिक समस्याएं, वित्तीय संकट और परीक्षाओं में असफल होने जैसे कारण शामिल हैं.
खरगे ने कहा, ”यह गंभीर वास्तविकता गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की उन जटिल सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने में विफलता को रेखांकित करती है, जिनसे हमारे नागरिक जूझ रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”गुजरात के अहमदाबाद (3,280), सूरत (2,862) और राजकोट (1,287) जैसे प्रमुख शहरों में ऐसे मामलों की सघनता विशेष रूप से चिंताजनक है. अकेले अहमदाबाद में 3,280 मामले सामने आना इस संकट के मूल कारणों को संबोधित करने के लिए प्रभावी नीतियों को लागू करने में सरकार की विफलता को रेखांकित करता है.”
खरगे का कहना है, ”यह स्पष्ट है कि इन मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति की तत्काल आवश्यकता है, जिस पर अभी तक सरकार का ध्यान बिलकुल नहीं गया है.” उनके मुताबिक, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक तरफ तो ‘सेमीकंडक्टर संयंत्रों’ को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन अपने ही गृह राज्य में इस गंभीर मानव त्रासदी पर पूरी तरह चुप है, देश को अगर सेमीकंडक्टर की आवश्यकता है तो बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय सहायता कार्यक्रमों और शैक्षणिक सहायता प्रणालियों की भी उतनी ही आवश्यकता है.” उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हेल्पलाइन सेवाओं की प्रभावशीलता का पूर्ण मूल्यांकन करने और जरूरतमंद लोगों को सुलभ मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय सहायता प्रदान करने में अधिक संसाधनों के निवेश करने की जरूरत है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”कांग्रेस इन आत्महत्याओं से जुड़ी परिस्थितियों की गहन और पारदर्शी जांच की भी मांग करती है.” खरगे ने कहा, ”गुजरात में आत्महत्या की बढ़ती दर भाजपा सरकार की व्यवस्थागत विफलता को दर्शाती है. कांग्रेस, सरकार से अपने नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने और इस खतरनाक संकट में योगदान देने वाले अंर्तिनहित मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल, ठोस कार्रवाई करने का आग्रह करती है.”
देश में चल रहा है ‘मृतकाल’, नौजवान नौकरी के लिए विदेश जाने को मजबूर: कांग्रेस
कांग्रेस ने रूस में 20 भारतीय नागरिकों के फंसे होने को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि अपने देश में ‘मृतकाल’ चल रहा है, जिस वजह से नौजवानों को नौकरियों के लिए विदेश जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पार्टी नेता कन्हैया कुमार ने यह भी कहा कि देश में पिछले 10 साल में बेरोजगारी दर दोगुनी हो गई है तथा हर घंटे एक नौजवान आत्महत्या कर रहा है.
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकार रूसी सेना में सहायता कर्मी के रूप में काम कर रहे करीब 20 भारतीय नागरिकों को ‘जल्द से जल्द सुरक्षित वापस’ लाने की पूरी कोशिश कर रही है. कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ”रूस में भारतीय नौजवानों को बंधक बनाकर रखा गया है, क्योंकि अपने देश में नौजवानों के लिए ‘मृतकाल’ चल रहा है. यदि मोदी सरकार हर साल 2 करोड़ नौकरियां देती, तो नौजवानों को विदेश न जाना पड़ता.”
उन्होंने कहा, ”रूस के पास स्थायी सेना नहीं है, वहां सेना कॉन्ट्रैक्ट पर चलती है. उसी तरह अब हमारे देश में भी ‘अग्निवीर’ का मॉडल लाया गया है.” कुमार ने सवाल किया, ”अगर देश के नौजवान अपने देश के लिए शहादत देते हैं, तो यह देशभक्ति है..लेकिन दूसरे देश की लड़ाई में भारतीय नौजवानों को क्यों जाना पड़ रहा है?” उन्होंने आरोप लगाया, ”हमारे देश में नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. देश में पिछले 10 साल में बेरोजगारी दर दोगुनी हो गई है. केंद्रीय विभागों में लाखों पद खाली हैं और सरकारी क्षेत्रों की हालत काफी खराब है.” कुमार ने दावा किया देश में बेरोजगारी के हालात ऐसे हैं कि एक घंटे में 2 नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं.
उनका कहना था, ”देश के नौजवानों की मजबूरी का फायदा उठाकर, विदेश के सपने दिखाकर युवाओं को इजराइल में मजदूरी के लिए भेज दिया गया. इस तरह देश के युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. ” उन्होंने दावा किया, ”इन सबके बीच ‘विश्वगुरु’ होने का दावा किया जाता है, लेकिन आप ‘विष गुरु हैं, क्योंकि आप नौजवानों के भविष्य में जहर घोल रहे हैं.”